इंदौर : हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में NEET UG रिजल्ट के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओर से सॉलिसिटर तुषार मेहता वर्चुअल उपस्थित हुए और समय मांगा।

मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 29 मई तय की है। दावा किया जा रहा है कि हाई कोर्ट का निर्णय जो भी आए दूसरा पक्ष इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगा।

इसमें प्रभावित स्टूडेंट्स की संख्या 2 हजार से ज्यादा हैं। दरअसल, इस मामले को 23 दिन बीत चुके हैं। अब स्टूडेंट्स और परिजन चिंतित हैं। NTA को 14 जून तक रिजल्ट घोषित करना है। ऐसे में तीन सप्ताह भी नहीं बचे हैं।

जानिए अब क्या है संभावित परस्थितियां

  • ऐसे ही अगर तारीख बढ़ती है तो स्टूडेंट्स की चिंताएं और बढ़ेंगी।
  • कानूनविदों का मानना है कि अगर प्रभावित छात्रों को रिएक्जाम का मौका मिलता है तो अन्य स्टूडेंट्स भी आगे आ सकते हैं।
  • अगर रिएक्जाम का मौका नहीं मिलता है तो वे सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि वे स्टूडेंट्स के हित में आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

इसलिए दायर की 60 से ज्यादा याचिकाएं

प्रभावित स्टूडेंट्स हाईकोर्ट के समक्ष अपनी पीड़ा बता चुके हैं कि 4 मई को तेज आंधी और बारिश के कारण बिजली गुल हो गई थी। सेंटरों पर बिजली की कोई विकल्प व्यवस्था नहीं थी। कई स्टूडेंट्स ने मोमबत्ती की रोशन में प्रश्न हल किए तो कुछ सेंटरों पर तो इतनी भी व्यवस्था नहीं थी। खुद NTA ने भी माना है कि 24 सेंटरों के स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं। इनमें 18 सेंटर इंदौर के और 6 सेंटर उज्जैन के हैं।

जानिए 4 मई से 26 मई तक क्या-क्या हुआ

  • 4 मई 2025 को तेज आंधी और बारिश के कारण इंदौर में बिजली गुल होने और ऑप्शनल व्यवस्था न होने से NEET UG के 11 सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई थी। तब ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या करीब 600 थी। तब कई सेंटरों के प्रभावित स्टूडेंट्स अपनी-अपनी पीड़ा बताकर अव्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया था। उन्होंने सेंटर प्रभावितों को सारी स्थितियां बताई थी। इस दौरान कुछ स्टूडेंट्स तो रो पड़े थे।
  • इसके बाद 15 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें 15 से ज्यादा याचिकाएं शामिल थी। तब हाई कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसमें NTA को 19 मई तक जवाब पेश करना था।
  • 19 मई को NTA की ओर से जवाब पेश किया गया था। बताया था कि सभी सेंटरों पर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था थी। साथ ही यह भी माना कि कई सेंटरों पर 10 मिनट से लेकर एक घंटे तक लाइट नहीं थी। याचिकाकर्ता के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया था कि ऐसे करीब 25 सेंटर हैं। दूसरी ओर NTA ने माना था कि ऐसे 24 सेंटर हैं। तब तक याचिकाकर्ताओं की संख्या 15 से ज्यादा हो गई। फिर कोर्ट ने 22 मई को अगली सुनवाई नीयत की थी।
  • 22 मई को फिर सुनवाई हुई तब याचिकाकर्ता की संख्या 50 से ज्यादा हो गई थी। इनमें उज्जैन की 5 से ज्यादा याचिकाएं थी। NTA की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर तुषार मेहता पेश हुए और कहा कि इंदौर से जुड़े 24 सेंटरों के स्टूडेंट्स के मामले में एक कमेटी गठित की जाए। इस पर सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की गई।
  • 26 मई को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ताओं की संख्या 60 हो गई जबकि प्रभावित स्टूडेंट्स की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो गई। कोर्ट ने अगली तारीख 29 मई को तय की।
  • 29 मई की सुनवाई में प्रभावित स्टूडेंट्स और उनके परिजन की नजर है कि आखिर गठित होने वाली कमेटी को क्या डायरेक्शन दिए जा सकते हैं या कोई रिएक्जाम का आदेश होता है।

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