जयपुर : जयपुर में 26 लोगों को कुचलने वाले डंपर ड्राइवर कल्याण मीणा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। 3 नवंबर को हरमाड़ा में हुए इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। 12 घायल हैं। इनमें से 7 की स्थिति गंभीर है। इन्हें सवाई मान सिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
बेकाबू डंपर ने महज 400 मीटर में 17 गाड़ियों को रौंद डाला था। देखते ही देखते सड़क पर लाशें बिछ गईं। शवों के टुकड़े इधर-उधर बिखर गए। किसी का पैर कट गया तो किसी का हाथ। 2 शवों की पहचान नहीं हो पाई है।
सोमवार देर रात डीसीपी ट्रैफिक सुमित मेहरड़ा ने सीआई (ट्रैफिक पुलिस) राजकिरण, एएसआई राजपाल सिंह और कॉन्स्टेबल महेश कुमार को सस्पेंड कर दिया। नो एंट्री में डंपर आने की वजह से यह कार्रवाई की गई है।
उधर, पीड़ित परिवार वालों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस मनमाना किराया वसूल रहे हैं। शव के निवाई ले जाने के लिए 2200 रुपए देने पड़े हैं। मृतक सुरेश और मुरली मीणा के परिवार वालों ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई सुविधा फ्री नहीं है।
कलेक्टर ने कहा कि किसी भी एंबुलेंस ने अगर रुपए लिए हैं तो यह राशि परिजनों को रिफंड होगी। साथ ही जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

जयपुर के हरमाड़ा में डंपर के शिकार लोगों ने अपनों के सामने दम तोड़ा। बॉडी के पास बैठी इस महिला के समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करे।
ड्राइवर को पकड़कर पुलिस को सौंपा
हादसा सोमवार दोपहर करीब एक बजे हरमाड़ा के लोहा मंडी पर हुआ। डंपर (आरजे-14 जीपी 8724) लोहा मंडी पेट्रोल पंप की तरफ से रोड नंबर -14 से हाईवे की ओर जा रहा था। इस दौरान उसने गाड़ियों को टक्कर मार दी। लोगों ने डंपर ड्राइवर कल्याण मीणा को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। वह नशे में था। कल्याण विराटनगर (जयपुर) का रहने वाला है। वह भी हॉस्पिटल में भर्ती है।
कार सवार से कहासुनी हुई थी
पुलिस का कहना है कि हादसे से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले एक पेट्रोल पंप के बाहर डंपर ड्राइवर की एक कार सवार से कहासुनी हुई थी। 14 लोगों की जान लेने वाले डंपर के पीछे लिखा था- दम है तो पास कर, वरना बर्दाश्त कर।

जयपुर के हरमाड़ा स्थित लोहा मंडी से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले एक पेट्रोल पंप के बाहर डंपर ड्राइवर की कार सवार से कहासुनी हुई थी।

इस दौरान डंपर ड्राइवर कार को अपनी गाड़ी से पीछे से टक्कर मारकर धकेलता रहा।

ड्राइवर डंपर को रॉन्ग साइड में ले गया और कई गाड़ियों को रौंद डाला।

तेज रफ्तार डंपर के आगे जो गाड़ियां आईं, उन्हें कुचलता गया।

सड़क पर पैदल चल रहे लोगों के साथ ही कई गाड़ियों को डंपर ने चपेट में लिया।

जयपुर के हरमाड़ा स्थित लोहा मंडी (सीकर रोड) पर इस तरह लाशें बिखरी पड़ी थीं।

डंपर की टक्कर के बाद कई गाड़ियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

डंपर के नीचे आई बाइक का हाल कुछ ऐसा हुआ। इस तरह दर्जनों बाइक को डंपर ने चपेट में लिया था।

14 जानें लेने के बाद डंपर ड्राइवर को लोगों ने पकड़ा। वह नशे में था।
जहां डंपर ने रौंदा, वहां ‘नो एंट्री’ की बात से पुलिस ने इनकार किया
डंपर के कहर बरपाने वाली जगह पर नो-एंट्री होने की बात से पुलिस ने इनकार किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ट्रैफिक नियमों को लेकर मिले निर्देश पर जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल ने मंगलवार दोपहर अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है।
कमिश्नरेट में बढ़ते दायरे के चलते नो-एंट्री क्षेत्र कहां तक और कितने समय तक रखा जाएगा बढ़ती आबादी व लोगों की सेफ्टी को लेकर क्या किया जाना चाहिए, इस तरह के इन मुद्दों पर चर्चा होगी।
कलेक्टर बोल- एंबुलेंस फ्री दी जा रही, अगर पैसा लगा तो रिफंड कराया जाएगा
कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने कहा- सीएम भजनलाल शर्मा के दिशा-निर्देश पर पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद सरकार कर रही है।
शवों को ले जाने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से फ्री एंबेलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी से बात की गई है।
किसी भी एंबुलेंस ने अगर रुपए लिए हैं तो यह राशि परिजनों को रिफंड होगी। साथ ही जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
परिवार वाले बोले- एंबुलेंस 2200 रुपए वसूल रहे, सरकार ने कुछ फ्री नहीं दिया
शवों को एसएमएस व कांवटिया हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी रखवाया गया है। परिजन अपनों के शव लेने पहुंचे हैं। पीड़ित परिवार वालों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
डंपर हादसे में निवाई (टोंक) के दो दोस्त सुरेश और मुरली मीणा की भी जान चली गई। दोनों जयपुर में हलवाई का काम करते थे।
इनके परिजन गंगाधर मीणा ने बताया- प्रशासन या अस्पताल की ओर से शव घर ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
शवों को निवाई ले जाने के लिए प्राइवेट एम्बुलेंस ड्राइवर को 2200 रुपए देने पड़े हैं। सरकार की ओर से कोई फ्री सुविधा नहीं दी गई।

