• गोस्वामियों का कहना है कुछ अधिकारी और लोग हरिदासीय परंपरा को खत्म करना चाहते हैं
गोस्वामियों का कहना है कुछ अधिकारी और लोग हरिदसीय परंपरा को खत्म करना चाहते हैं - Dainik Bhaskar

मथुरा -वृन्दावन: बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास के गठन के लिए बनाए गए अध्यादेश का विरोध तेज होता जा रहा है। मंदिर के गोस्वामी प्रदर्शन कर रहे हैं और इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मंदिर के गोस्वामियों के इस प्रदर्शन में साथ देने के लिए अब कांग्रेस भी आ गई है। कांग्रेस नेताओं ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। वहीं हिंदूवादी नेता ने खून से पत्र लिखकर गोस्वामियों का हक देने की मांग की।

मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए गोस्वामी

गुरुवार की शाम को बांके बिहारी मंदिर के सभी गोस्वामी मंदिर के मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए। यहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपने आक्रोश का इजहार किया। गोस्वामी समाज कॉरिडोर और न्यास बनाने के लिए लाए गए अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान गोस्वामियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर अपने आक्रोश का इजहार किया। बांके बिहारी मंदिर के मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए थे गोस्वामी

कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

गोस्वामी समाज द्वारा किए जा रहे इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर पार्टी नेताओं के साथ बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। जहां कांग्रेस नेताओं ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हाथों में बैनर लिए कांग्रेस नेता बांके बिहारी कॉरिडोर और अध्यादेश का विरोध कर रहे थे।

काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते गोस्वामी

काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते गोस्वामी

बांके बिहारी मंदिर का अधिग्रहण दुर्भाग्य: प्रदीप माथुर

विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने बताया कि यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि हिंदुओं की सनातनियों की हिमायती बनने का दावा करने वाली सरकार विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का अधिग्रहण करने जा रही है। इस सरकार ने रातों रात अध्यादेश लाकर एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा कर दी। इस डीड को पढ़ेंगे तो देखेंगे सभी पॉवर छीन ली गई हैं। मंदिर की सारी प्रॉपर्टी ले ली जाएगी। कॉरिडोर के नाम पर घर और कुंज गलियों को नष्ट कर दिया जाएगा। प्रदीप माथुर ने बताया कि यह कहां की सनातनी परंपरा है ये कहां का हिंदुत्व है। आप हिंदुत्व को खत्म करना चाहते हैं यह दोहरी नीति क्यों अपना रहे हैं।

व्यवस्था बनाइए बिगाड़िए नहीं

पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि योगी और मोदी जी की सरकार ने काशी,उज्जैन और अयोध्या में घर उजाड़े जिसका परिणाम हुआ आप अयोध्या हारे। आप ऐतिहासिक इमारतों को बचाइए। हम व्यवस्था बनाने के विरोधी नहीं हैं आप व्यवस्था बनाइए बिगाड़िए नहीं। किसी को उजाड़ कर सृजन मत करिए। प्रदीप माथुर ने कहा कि कांग्रेस,गोस्वामी सभी विरोध करते हैं और हम लोग इस मंदिर का अधिग्रहण नहीं होने देंगे।

हरिदास सम्प्रदाय को नष्ट करने का प्रयास

प्रदर्शन कर रहे मंदिर के पुजारी हिमांशु गोस्वामी ने बताया कि हरिदास सम्प्रदाय को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम को कुछ अधिकारी और लोग कर रहे हैं। हम अपने ठाकुर जी को नहीं छोड़ने के लिए कटिबद्ध हैं। नितिन सांवरिया गोस्वामी ने बताया कि यह विरोध सम्प्रदाय को बदलने का है यह विरोध सम्प्रदाय को नष्ट करने का जो प्रयास किया जा रहा है उसका है। रोहित गोस्वामी ने बताया कि हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है हमारी लड़ाई केवल इस बात से है जो बांके बिहारी की परंपराओं को बदलने से सम्बन्धित है।

सेवायतों के अधिकारों के लिए मुख्यमंत्री को लिखा खून से पत्र

श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर की लड़ाई लड़ रहे पं दिनेश फलाहारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने खून से पत्र लिखा और मुख्यमंत्री के x अकाउंट पर ट्वीट करके मांग की है कि वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में जिन ब्रज वासियों की दुकान, मकान को सरकार अधिग्रहण करेगी उनका मंदिर कॉरिडोर में ही दुकान और मकान दिए जाएं और उनको उचित मुआवजा दिया जाए। मंदिर के नाम जो रुपए जमा है वह मंदिर सेवायतों की सहमति से ही खर्च किए जाएं, क्योंकि स्वामी हरिदास जी के वंशज गोस्वामी समाज का यह निजी मंदिर है उन्होंने मुख्यमंत्री योगी जी को सनातन हिंदुओं का गौरव बताया और कहां की आप मंदिर सेवायतों की भावनाओं को समझने की कृपा करें, यदि इनके दुकान मकान चले जाएंगे तो यह लोग बेरोजगार हो जाएंगे। किसी की रोजी-रोटी सदियों से चल रही हो उसे पर अचानक छीन लिया जाए यह कुठाराघात होगा।

हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा फलाहारी ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा

हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा फलाहारी ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा

मांगे नहीं मानी गई तो भूख हड़ताल पर बैठेंगे

दिनेश शर्मा फलाहारी ने बताया कि मंदिर की संपत्ति, सेवायतों की निजी संपत्ति है। इस पर सेवायतों का ही अधिकार है, उनके ट्रस्ट में किसी बाहरी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जाए। उन्होंने कहा सरकार केवल मंदिरों पर ही कुदृष्टि क्यों रखती है। जबकि मस्जिद ,मदरसे ,चर्च ,गुरुद्वारे, जैन मठ से कभी हाथ भी नहीं लगाया जाता। भारतवर्ष में इस प्रकार से दो कानून क्यों। पं दिनेश फलाहारी ने मुख्यमंत्री से प्रार्थना पत्र में कहा है यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह सेवायतों के साथ मिलकर भूख हड़ताल करेंगे और वह हर स्तर पर सेवायतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे वह इस मुद्दे पर अपनी जान की भी परवाह नहीं करेंगे।

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