दैनिक उजाला, संवाद मथुरा : हर साल 22 सितंबर को हाथी प्रशंसा दिवस मनाया जाता है। यह दिन इन शानदार जानवरों को स्वीकारने, उन्हें संजोने और उनके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। क्योंकि यह भी प्रकृति का एक अभिन्न अंग हैं। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस इस अवसर को अपने वैश्विक कार्यक्रम ‘ऐली अर्थ वॉक’ के रूप में मनाया।
एलिफेंट अप्रियेशन डे पर संस्था ने मथुरा में अपने हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में रह रहे हाथियों के लिए एक भव्य फलों की दावत आयोजित की।
एली अर्थ वॉक कार्यक्रम की हुई शुरुआत
हाथी प्रशंसा दिवस पर वाइल्डलाइफ एसओएस वर्चुअल कार्यक्रम ‘ऐली अर्थ वॉक’ की शुरुआत कर रहा है। यह पहल 20 सितंबर को शुरू होगी और 7 अक्टूबर, 2024 तक चलेगी। ‘ऐली अर्थ वॉक’ प्रतिभागियों को हाथियों की सवारी के खिलाफ वकालत करते हुए चलने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे उनके पैरों की तकलीफों को कम किया जा सके और उनके स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके।
इस आयोजन का उद्देश्य वाइल्डलाइफ एसओएस में बचाए गए हाथियों के लिए धन जुटाना है। इस कार्यक्रम में सभी उम्र के लोगों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। चूंकि यह एक वर्चुअल दौड़ है, इसलिए यह आयोजन प्रतिभागियों को दुनिया भर के वन्यजीव समर्थकों के साथ जुड़ने का मौका देता है।

‘ऐली अर्थ वॉक’ प्रतिभागियों को हाथियों की सवारी के खिलाफ वकालत करते हुए चलने के लिए प्रोत्साहित करता है।
हाथियों ने की फलों की दावत
इस विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए NGO की टीम ने मथुरा में हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र पहुंची। यह बचाए गए हाथियों के लिए एक अभयारण्य है, इसमें रह रहे हाथियों के लिए एक फ्रूट फीस्ट का आयोजन किया। झुंड में मादा हथनी एम्मा, माया, फूलकली, चंचल, बिजली और लक्ष्मी और नर हाथी संजय और सूरज शामिल थे।
जिन्होंने ‘जंबो’ फलों की दावत खाई। तरबूज, पपीता, गन्ना, केले और कद्दू का भव्य वितरण स्थानीय हाथियों के लिए एक आनंद दायक उपहार था। इससे उनका दिन और भी खास हो गया।

मथुरा में हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, जो बचाए गए हाथियों के लिए एक अभयारण्य है, उसमें रह रहे अपने निवासी हाथियों के लिए एक विशाल फलों की दावत का आयोजन किया
कर्मचारियों ने तैयार किया फल भोज
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा- इन सभी हाथियों को एक दर्दनाक अतीत से बचाया गया है और अब वे दीर्घकालिक देखभाल में हैं। इन हाथियों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने हाथियों के लिए इतना भव्य फल भोज तैयार करने में समय और कड़ी मेहनत की है।

हाथियों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों ने हाथियों के लिए भोज तैयार किया।
एलिफेंट अर्थ वॉक का मकसद सड़कों पर जानवरों का भी हो हक वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्य नारायण ने कहा- एलिफेंट अर्थ वॉक के पीछे मकसद है कि सभी मार्गों पर जंगली जानवरों का भी समान अधिकार हो । हाथी पूरे विश्व में मौजूद सबसे बड़ा जानवर है। इसलिए उनका इस अधिकार पर निश्चित रूप से दावा है। एली अर्थ वॉक पहल उस अधिकार के बारे में अधिक जागरूकता फैलाने का तरीका है।