प्रयागराज : महाकुंभ के लिए शनिवार को निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली। करीब एक हजार साधु-संत अपने पूरे राजसी वैभव के साथ हाथी-घोड़े, ऊंट और रथ पर सवार होकर निकले। बाघंबरी मठ में विधि विधान से पूजा के बाद सनातन की पताका फहराते हुए संत मेला क्षेत्र के लिए निकले। ड्रोन से यात्रा पर नजर रखी जा रही है।

यात्रा में सबसे आगे धर्म ध्वजा, उसके पीछे अखाड़े के इष्ट कार्तिकेय भगवान पालकी पर विराजमान होकर चल रहे हैं। इसके पीछे अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं। बैंड, डीजे की धुन पर कलाकार करतब दिखा रहे हैं। त्रिशूल लेकर तांडव कर रहे। रास्ते में सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग जुटे हैं। फूल बरसाकर संतों का स्वागत कर रहे हैं।

पेशवाई की 5 तस्वीरें देखिए…

ऊंट पर सवार होकर संत महाकुंभ मेला क्षेत्र के लिए निकले।

ऊंट पर सवार होकर संत महाकुंभ मेला क्षेत्र के लिए निकले।

ट्रैक्टर पर भी सवार होकर संत पेशवाई में निकले।

ट्रैक्टर पर भी सवार होकर संत पेशवाई में निकले।

हाथी पर सवार होकर निकले संतों पर लोग फूल बरसा रहे हैं।

हाथी पर सवार होकर निकले संतों पर लोग फूल बरसा रहे हैं।

घोड़े पर सवार होकर नागा सन्यासी भी पेशवाई में शामिल हुए।

घोड़े पर सवार होकर नागा सन्यासी भी पेशवाई में शामिल हुए।

10 किमी लंबी दूरी तय कर पहुंचेंगे संत

संतों की अगुवाई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज कर रहे हैं। प्रमुख संतों में निरंजनी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाश नंद गिरी जी महाराज, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर बालकनानंद जी जैसे संत शामिल हैं। संत अल्लापुर के बाघंबरी मठ से करीब 10 किमी की दूरी तय कर मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे।

अब 10 तस्वीरों में देखिए पेशवाई का नजारा…

त्रिशूल लेकर एक कलाकार ने तांडव किया।

त्रिशूल लेकर एक कलाकार ने तांडव किया।

महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी रथ पर सवार होकर निकले।

महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी रथ पर सवार होकर निकले।

बाघंबरी मठ में विधि विधान के साथ पूजा के गई। लोग ढोल-नगाड़े बजाते रहे।

बाघंबरी मठ में विधि विधान के साथ पूजा के गई। लोग ढोल-नगाड़े बजाते रहे।

बाघंबरी मठ से यात्रा करीब 10 किमी की दूरी तय कर माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी।

बाघंबरी मठ से यात्रा करीब 10 किमी की दूरी तय कर माघ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी।

रास्ते में जगह-जगह संतों की यात्रा को रोक कर कलाकारों ने डमरू बजाकर उनका स्वागत किया।

रास्ते में जगह-जगह संतों की यात्रा को रोक कर कलाकारों ने डमरू बजाकर उनका स्वागत किया।

संत ने भगवा झंडा लहराकर सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया।

संत ने भगवा झंडा लहराकर सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया।

पेशवाई यात्रा में सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा रही।

पेशवाई यात्रा में सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा रही।

सिंहासन पर इस तरह सवार होकर बाघंबरी मठ से संत निकले।

सिंहासन पर इस तरह सवार होकर बाघंबरी मठ से संत निकले।

सबसे आगे धर्म ध्वजा, उसके पीछे अखाड़े के इष्ट कार्तिकेय भगवान पालकी पर विराजमान रहे।

सबसे आगे धर्म ध्वजा, उसके पीछे अखाड़े के इष्ट कार्तिकेय भगवान पालकी पर विराजमान रहे।

पेशवाई यात्रा में घोड़े पर सवार होकर पुलिस जवान भी साथ चलते रहे।

पेशवाई यात्रा में घोड़े पर सवार होकर पुलिस जवान भी साथ चलते रहे।

सभी धर्म के लोगों का स्वागत है: महंत रवींद्रपुरी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी जी महाराज ने कहा- अखाड़े से जुड़े संत पूरे देश से आए हैं। जिस प्रकार सेना की छावनी होती है, उसी प्रकार नागा संतों की भी छावनी है। यहां पर नागा संत बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री की मनसा के अनुरूप मेले का भव्य आयोजन हो रहा है। इसमें सभी धर्म के लोगों का स्वागत है।

महाकुंभ मेले का DGP ने लिया जायजा

DGP प्रशांत कुमार ने शनिवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने VIP घाट, संगम क्षेत्र, पुलिस लाइन और मेला परिसर सहित अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था परखी। मेला क्षेत्र में लगे CCTV, ड्रोन और अन्य सुरक्षा उपकरणों की जानकारी ली।

DGP ने कहा- महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं और संतों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महाकुंभ मेले में सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इस पर पूरा फोकस है।

पुलिस अफसरों के साथ DGP प्रशांत कुमार ने महाकुंभ मेला क्षेत्र का जायजा लिया।

पुलिस अफसरों के साथ DGP प्रशांत कुमार ने महाकुंभ मेला क्षेत्र का जायजा लिया।

सुरक्षा में तैनात जवानों को DGP ने निर्देश दिए कि VIP और आम श्रद्धालुओं के बीच समन्वय बनाए रखें। पुलिस लाइन का दौरा करते हुए DGP ने पुलिसकर्मियों की तैयारियों और ड्यूटी के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। उन्होंने से कहा कि वे मेला क्षेत्र में अपनी ड्यूटी के दौरान संवेदनशील रहें। श्रद्धालुओं के प्रति शालीन व्यवहार करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई करें।

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