• इंडस्ट्री की मांग के अनुसार प्रदत्त शिक्षा से जीएलए के छात्रों को मिल रहा रोजगार

दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा पॉलीटेक्निक के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के चार छात्रों को ट्रिनिटी टच कंपनी में रोजगार मिला है। चयनित हुए छात्रों को पॉलीटेक्निक के पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं दी।

ट्रिनिटी टच कंपनी ईवी चार्जिंग समाधानों के साथ एक स्थायी भविष्य को सशक्त बनाने से लेकर अत्याधुनिक बाड़ों और वायरिंग समाधानों के साथ औद्योगिक दक्षता में क्रांति लाने तक विद्युत नवाचार के साथ दुनिया को आकार दे रही है। इस कंपनी के पदाधिकारियों ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के छात्रों को रोजगार देने के लिए कैंपस प्लेसमेंट किया। इस दौरान छात्रों को कंपनी की कार्यप्रणाली से लेकर भविष्य के अनुरूप किस प्रकार आगे बढ़ना है के बारे में जानकारी प्रदान की।

तत्पश्चात छात्रों की प्रदत्त शिक्षा का अनुभव जानने के लिए लिखित और मौखिक परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा में चार छात्रों शिवेश कुमार पांडेय, राकेश कुमार, अभय कुमार झा, विकास चौधरी ने बेहतर परचम लहराते हुए चयनित सूची में अपना नाम दर्ज कराया। चयनित होने के बाद कंपनी पदाधिकारियों ने ही छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।

जीएलए पॉलीटेक्निक उत्कृष्ट और तकनीकी शिक्षा का एक मात्र संस्थान

पॉलीटेक्निक संस्थान के प्राचार्य डा. विकास कुमार शर्मा ने बताया कि जीएलए पॉलीटेक्निक उत्कृष्ट और तकनीकी शिक्षा का एक मात्र संस्थान है। प्रवेश लेने वाले छात्रों को कोर्स पूरा करने के बाद रोजगार की कोई चिंता नहीं रहती है। इस संस्थान का उद्देश्य हमेशां से ही छात्रों को रोजगारपरक बनाने का प्रयास रहा है। उनके यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को औद्योगिक क्षेत्र की नामी कंपनियों में आसानी से रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पॉलीटेक्निक संस्थान में संबंधित कोर्सों की पढ़ाई के दौरान लैब व गुणवत्ता आधारित शैक्षणिक माहौल मुहैया कराया जाता है। इसके अलावा सरकारी नौकरियों के लिए भी अलग से क्लासेस होती हैं, जहां तैयारी करायी जाती है।

छात्रों को रोजगार देने के लिए आने वाली कंपनियों के बारे में जानकारी देते हुए ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग के डिप्टी जनरल मैनेजर कॉरपोरेट रिलेशन रजनीश महाजन कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान, रोज़गार के अवसरों के मामले में बहुआयामी बदलाव आते देखे हैं। बदलाव यह है कि विश्वविद्यालय का पिछले पांच वर्षों में 86 प्रतिशत प्लेसमेंट औसत है।

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