मथुरा : संस्कृति विश्वविद्यालय के 43 विद्यार्थियों को न्यू एलनबैरी वर्क्स कंपनी में नौकरी मिली है। प्रसिद्ध आटोमोबाइल कंपनियों के लिए गेयर और शाफ्ट बनाने वाली कंपनी ने संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को आफर लैटर जारी करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनकी मेहनत, पढ़ाई के प्रति गंभीरता और लगन की सराहना की है।

कंपनी द्वारा संस्कृति विश्वविद्यालय में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का तीन चरणों में योग्यता परीक्षण करने के बाद 43 विद्यार्थियों को न्यू एलन बैरी वर्क्स लि. में काम करने का मौका दिया है। कंपनी के महाप्रबंधक एचआर प्रोडक्शन बीके खुंटिया ने बताया कि “न्यू एलनबेरी वर्क्स” कंपनी एक मजबूत उद्यमशीलता संस्कृति का लाभ उठाते हुए, भविष्योन्मुखी इंजन और ट्रांसमिशन अनुप्रयोगों के लिए ऑटोमोटिव गियर और शाफ्ट बनाती है। सिद्ध क्षमताओं और ठोस संसाधनों के साथ, पिछले 40 वर्षों में, स्वदेशी मांग को पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर खरा उतरा है और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए सामने आया है।

उन्होंने बताया कि संस्कृति विवि के छात्र-छात्राओं का चयन एक निर्धारित योग्यतापरक चयन प्रक्रिया के तहत हुआ। विवि के विद्यार्थियों ने अपनी योग्यता परिचय देकर इंटरव्यू क्वालीफाई किया है। इन सभी बच्चों को कंपनी ने नौकरी के लिए चुना है। उन्होंने बताया कि संस्कृति विवि के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा के छात्र ओमप्रकाश, प्रदीप, क्रिशन गोपाल, मोहित कुमार, गग्गन, मनोज, भविष्य कुमार, आकाश कुमार, गौरव सिंह, भूपेंद्र, राधारमन, हेमराज, मनीष कुमार, गजेंद्र सिंह, विशाल, भूदेव प्रसाद, प्रेमचंद्र, राहुल राजपूत, आकाश सिंह, प्रिंस राज कौशिक, संजय, गुड्डू यादव, शुभम शर्मा, जयराम, नवीन, विवेक, योगेश, अमन सिंह, ओमप्रकाश शर्मा, मोहित चौधरी, ब्रज किशोर, मोहन, भोजपाल, छत्रपाल सिंह, राम महाराज, दीपक, हरीश चंद्र, संदीप, भूदेव शर्मा, नरेश कुमार शर्मा, भरत, मोहित, प्रदीप को कंपनी ने आफर लैटर प्रदान किए हैं।

विवि की सीईओ मीनाक्षी शर्मा ने चयनित छात्र-छात्राओं को उनके प्लेसमेंट पर बधाई देते हुए कहा कि अपने ज्ञान और कौशल से नियोक्ता कंपनी के विकास में अपना सारा श्रम समर्पित करें। कंपनी की प्रगति ही आपके यश में वृद्धि करेगी। संस्कृति विश्वविद्यालय की कौशल और नवाचार से ओतप्रोत शिक्षा का ही यह प्रभाव है कि विवि के विद्यार्थियों को नामी-गिरामी कंपनियों द्वारा हाथों-हाथ लिया जा रहा है।

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