• ब्रह्मांड के रहस्य को सुलझाने के लिए किया गया शोध अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका में हुआ प्रकाशित

दैनिक उजाला, मथुरा : ब्रह्मांड के ऊर्जा घनत्व का लगभग एक चौथाई भाग डार्क मैटर से बना है, जिसकी सटीक प्रकृति और गुण अज्ञात हैं। डार्क मैटर का अस्तित्व गुरूत्वाकर्षण के प्रभाव से पता चलता है, जो आकाश गंगाओं के घुमाव और उनके समूहों में पदार्थ के वितरण को प्रभावित करता है। इसी डार्क मैटर के व्यवहार को समझने और जानकारी हेतु जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के भौतिक विज्ञान विभाग के शोधार्थियों ने ताइवान के साथ सहयोगात्मक शोध किया है।

जीएलए विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान विभाग के डा. मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में शोध दल शामिल डा. सुवादीप कर्माकर, विवेक कुमार, एकेडमिया सिनिका ताइवान के प्रो. एचटी वांग, डा. ली हाउवीन, डा. मुकेश पांडेय, सीयूएसबी विश्वविद्यालय के प्रो. वेंकटेश सिंह, डा. लखविंदर सिंह, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के डा. विवेक शर्मा द्वारा डार्क मैटर पर किए गए शोध को अमेरिका के एक प्रतिष्ठित फिजिकल रिव्यू डी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

डा. मनोज कुमार ने बताया कि यह पहला विश्लेषण है, जो कि यह पता लगाता है कि इलेक्ट्रोन के वार्षिक माड्यूलेशन के साथ कमजोर रूप से परस्पर क्रिया करने वाले विशाल कण (डब्लूआईएमपी) की क्रिया डामा/लिब्रा वार्षिक माड्यूलेशन में कैसे भूमिका निभा सकती है।

विभागाध्यक्ष प्रो. अनुज विजय ने कहा कि भौतिक शास्त्र या भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान का एक मूल विषय है जो पदार्थ, उसके मूलभूत घटकों, उसकी गति और व्यवहार, देशकाल के माध्यम से और ऊर्जा और बल की सम्बन्धित संस्थाओं का अध्ययन करता है। भौतिकी सबसे मौलिक वैज्ञानिक विषयों में से एक है, जिसका मुख्य लक्ष्य यह समझना है कि ब्रह्माण्ड कैसे व्यवहार करता है।

डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने बताया कि विश्वस्तर पर किया गया शोध कार्य जीएलए विश्वविद्यालय की आधुनिक शिक्षा का प्रमाण है। जहां जैसी शिक्षा मिलती वहां वैसे ही परिणाम निकलकर सामने आते हैं। भौतिकी के शोधार्थियों और छात्र सुदीप कर्माकर और विवेक कुमार ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर जीएलए की धाक जमाई है।

डीन इंटरनेशनल रिलेशन एंड एकेडमिक कोलॉबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि एकेडमिका सिनिका ताइवान के साथ एमओयू के तहत जीएलए के शोधार्थी रिसर्च कार्य में जुटे हुए हैं। इसके साथ भौतिकी विभाग के दो छात्र भी ताइवान में रिसर्च के साथ ही उच्च शिक्षा का पाठ पढ़ रहे हैं।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता तथा कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए शिक्षक और छात्रों को आगे ऐसे शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

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