• जीएलए के कुलपति, सीएफओ और कुलसचिव ने वृक्षारोपण कर दिया प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन पर जोर

दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा हरे-भरे माहौल में शिक्षा देने के नाम से विख्यात है। इसी तरह हरित पर्यावरण का संदेश देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बरगद, मोलश्री, कदम कनेर एवं गुड़हल आदि पौधारोपण किया।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधे लगाकर सभी ने देखरेख और उनको सींचने की जिम्मेदारी भी उठाई। इसके साथ विश्वविद्यालय परिवार ने समय-समय पर वृक्षारोपण करने की भी शपथ ली।

इस अवसर पर सीएफओ विवेक अग्रवाल ने कहा कि मजबूत इरादों के साथ हरित विकास की ओर बढें तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि प्रकृति का संवर्धन समय की जरूरत है। वर्तमान समय में प्रकृति, पर्यावरण और जल का संरक्षण ही भावी पीढ़ी को जीवन प्रदान कर सकता है। प्राकृतिक संपदा का इस प्रकार दोहन न हो कि आने वाले समय में भावी पीढियों को जीवन के लिए ही संघर्ष करना पड़े। सामूहिक प्रयास से ही समाजिक विकास के साथ प्रकृति संरक्षण की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि गुरूवार को वृक्षारोपण के अवसर पर 6 हजार से अधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल का संकल्प है कि विश्वविद्यालय में इतना हरित वातावरण हो कि बाहर के तापमान से परिसर का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस कम हो। इसके लिए पुरजोर कोशिश जारी है। जीएलए हॉर्टीकल्चर टीम इस पर जोर-शोरों से कार्य कर रही है।

कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष अब तक विश्वविद्यालय में 500 से अधिक पौधों का रोपण हो चुका है। 6 हजार से अधिक पौधे लगाने का संकल्प है। साथ ही उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का हॉर्टीकल्चर विभाग गोद लिए गए सुनरख स्थित रामताल, रंगजी मंदिर स्थित ब्रह्मकुंड, रसखान समाधि, ताजबीवी, कुसुम सरोवर, पांच परिषदीय विद्यालय को भी हरा-भरा रखने की जिम्मेदारी उठाये हुए है।

इस अवसर पर हॉर्टीकल्चर अधीक्षक डा. गुलाब सिंह, फैजुल हसन, श्याम सिंह, उदयवीर, सुरेन्द्र सिंह, रीना राय, कन्हैया आदि उपस्थित रहे।

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