गुरुग्राम : लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा से पहले हरियाणा में बड़ा खेला हो गया है। हरियाणा में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन टूट गया है। मनोहर लाल खट्टर के हरियाणा के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस सियासी घटनाक्रम से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और दुष्यंत चौटाला की मुलाकात हुई थी। आइये जानते है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन क्यों टूटा।

बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर दोनों पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई। बताया जा रहा है कि दुष्यंत चौटाला की तरफ से दो सीटें मांगी थीं। बीजेपी आला नेतृत्व एक सीट देना चाहता था, लेकिन दुष्यंत दो सीटों की मांग पर अड़े हुए है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी प्रदेश नेतृत्व 10 सीटों पर लड़ने की योजना बना ली है।

अब हरियाणा में अब नए मंत्रीमंडल का गठन होगा। नए मंत्रीमंडल में बीजेपी जेजेपी को शामिल नहीं करेगी। बता दे कि हरियाणा में बीजेपी के 40 विधायक है। 7 निर्दलीय विधायकों ने भी उनको समर्थन देने का ऐलान किया है। अब चौटाला किसानों को बीच जाकर ये संदेश दे सकते हैं कि हम इस सरकार से अलग हो चुके हैं।

हरियाणा के बीजेपी विधायक कृष्ण लाल मिड्ढा ने कहा कि मुझे लगता है कि जब शपथ ग्रहण समारोह होगा, तो मनोहर लाल खट्टर फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि यह गठबंधन (जेजेपी के साथ) क्यों टूटा। पार्टी आलाकमान के पर्यवेक्षक आ रहे हैं। अगर वे हमसे पूछेंगे तो हमारा समर्थन मनोहर लाल खट्टर के साथ है। वह तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। फिर बाद में विधानसभा चुनाव के बाद चौथी बार शपथ लेंगे।

जनता बदलाव चाहती है : कांग्रेस सांसद

मनोहर लाल खट्टर के हरियाणा के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में जो कुछ हो रहा है, वह इसलिए हो रहा है क्योंकि जनता ने बदलाव लाने का फैसला कर लिया है। जनता राज्य में मौजूदा सरकार से परेशान थी। हम इस घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं।

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