अनंतनाग : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार (11 सितंबर) को अनतंनाग में रैली की। उन्होंने कहा- जम्मू-कश्मीर में आज हर जगह हमले हो रहे हैं, फिर भी मोदी जी झूठ बोलने में शर्माते नहीं हैं। क्योंकि वे झूठों के सरदार हैं।

उन्होंने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा- ‘कहां गए 400 पार वाले? वो (भाजपा) 240 सीट पर सिमट गए। अगर हमें (विपक्ष को) 20 सीटें और आ जातीं तो ये सारे लोग जेल में होते। ये लोग जेल में रहने के लायक हैं।’

खड़गे ने कहा- ‘भाजपा भाषण तो बहुत देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर होता है। भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है। हम उसी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे।’

मंच पर खड़गे के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।

मंच पर खड़गे के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।

7 पाॅइंट में मल्लिकार्जुन खड़गे की स्पीच…

1. भाजपा धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही अनंतनाग एक ऐतिहासिक महत्व की जगह है। यहां मौजूद अमरनाथ जी की गुफा के दर्शन के लिए हजारों लोग आते हैं, क्योंकि यह धार्मिक एकता का स्थल है। आज BJP यहां के लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे कभी कामयाब नहीं होंगे।

2. राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष को फायदा राहुल गांधी जी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इस यात्रा में INDIA गठबंधन की पार्टियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे काफी कामयाबी मिली।

3. भाजपा हमारे डर से बार-बार अपनी लिस्ट बदल रही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन देख BJP बौखला गई है, इसलिए वह जम्मू-कश्मीर की लिस्ट बार-बार बदल रही है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि BJP के लोग INDIA गठबंधन की एकता को देखकर डर गए हैं।

4. मोदी झूठों के सरदार, वे लोगों को गुमराह करते हैं मोदी ने हर खाते में 15-15 लाख रुपए, हर साल 2 करोड़ नौकरी का वादा किया था, लेकिन किया कुछ नहीं। ये लोगों को गुमराह करते हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले हो रहे हैं, फिर भी मोदी जी झूठ बोलने में शर्माते नहीं हैं। क्योंकि वे झूठों के सरदार हैं।

5. जम्मू-कश्मीर को हम स्टेटहुड दिलाकर रहेंगे हमारा जम्मू-कश्मीर से वादा है कि हम इसे स्टेटहुड दिलाकर रहेंगे। यहां अपर हाउस और लोअर हाउस कायम करेंगे। यहां एक लाख नौकरियां खाली हैं। जैसे ही हमारी सरकार आएगी, वैसे ही इन पदों को भरा जाएगा। हजारों सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं, उन्हें शुरू किया जाएगा।

6. कांग्रेस फूड सिक्योरिटी बिल लाई जम्मू-कश्मीर में पहले 11 किलो चावल मिलता था, आज केवल 5 किलो मिल रहा है। इससे पता चलता है कि गरीबों का हमदर्द कौन है। कांग्रेस की सरकार फूड सिक्योरिटी बिल लेकर आई। यही कांग्रेस और BJP में फर्क है। इसलिए आप लोग भाषण देने वालों पर नहीं, काम करने वालों पर भरोसा कीजिए।

7. यहां LG भ्रष्टाचार वाली सरकार चला रहे जम्मू-कश्मीर में जो LG की सरकार चल रही है, उसमें भ्रष्टाचार हो रहा है। यहां के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैंने जिन लोगों पर सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, उनकी जांच करने के बजाय सरकारी एजेंसियां तानाशाही आदेश के तहत मेरे घर पर छापेमारी कर रही हैं। यानी एक तो चोरी दूसरा सीनाजोरी।

कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया है। NC 52 सीटों पर और कांग्रेस 31 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है। दोनों पार्टियों ने दो सीटें छोड़ी हैं, एक घाटी में CPI (M) के लिए और दूसरी जम्मू संभाग में पैंथर्स पार्टी के लिए।

जम्मू संभाग में नगरोटा, बनिहाल, डोडा और भद्रवाह और घाटी में सोपोर की पांच सीटों पर NC और कांग्रेस दोनों ही अपने उम्मीदवार उतारेंगे, जिसे गठबंधन ‘दोस्ताना मुकाबला’ कह रहा है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया था।

नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन का ऐलान किया था।

2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

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