दैनिक उजाला, मथुरा : खराब फॉर्म से जूझ रहे क्रिकेटर विराट कोहली पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों के साथ मथुरा के प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। दोनों ने उनका आशीर्वाद लिया। करीब आधे घंटे तक आध्यात्मिक चर्चा की।
प्रेमानंद महाराज ने विराट से कहा- अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है। अपने अभ्यास को निरंतर और नियंत्रण में रखते हुए आगे बढ़ें। प्रैक्टिस की पुष्टि हो गई तो जीत पक्की है।
विजय के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। एक अभ्यास और दूसरा प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है, सिर्फ अभ्यास है तब जीत मुश्किल हो जाती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान के साथ-साथ उनका नाम जपना आवश्यक है। इससे पहले 4 जनवरी 2023 को विराट और अनुष्का प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे।
यह तस्वीर 4 जनवरी 2023 की है। जब विराट और अनुष्का अपने बच्चे के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम में आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
फिर आएगा शतक?
दरअसल, साल 2023 की शुरुआत में विराट कोहली इसी तरह प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंचे थे। इसके बाद किंग कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ खेली गई सीरीज में लगातार दो शतक जमाए थे। विराट के लिए 2023 का साल वनडे क्रिकेट में कमाल का रहा था। कोहली ने कुल 27 मैचों की 24 पारियों में 72.47 के दमदार औसत से 1377 रन ठोके थे। विराट के बल्ले से 6 शतक और 8 अर्धशतक निकले थे।
इंग्लैंड के खिलाफ जमाना चाहेंगे रंग
चैंपियंस ट्रॉफी से पहले विराट कोहली के पास इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में खोई हुई फॉर्म को हासिल करने का सुनहरा मौका होगा। कोहली का रिकॉर्ड इंग्लिश टीम के खिलाफ 50 ओवर के फॉर्मेट में शानदार रहा है। विराट ने 36 वनडे मैचों में 41 की औसत से खेलते हुए 1340 रन ठोके हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में किंग कोहली तीन शतक और 9 अर्धशतक जमा चुके हैं।
अब जानिए कौन हैं प्रेमानंद महाराज…
प्रेमानंद महाराज की पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं तक
प्रेमानंद महाराज के संत बनने की कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से शुरू होती है। यहां एक तहसील है नरवल, जिसके अखरी गांव में प्रेमानंद का जन्म हुआ। उनके पिता शंभू नारायण पांडेय और मां रामा देवी हैं। वह 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था।
पिता शंभू पुरोहित का काम करते थे। अनिरुद्ध भी बचपन से ही आध्यात्मिक थे। बचपन में पूरा परिवार रोजाना एक साथ बैठकर पूजा-पाठ करता था। अनिरुद्ध यह सब बड़े ध्यान से देखा-सुना करते थे। आज जिन प्रेमानंद महाराज के भक्तों में आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटी तक शुमार हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई सिर्फ 8वीं कक्षा तक हुई है। 9वीं में भास्करानंद विद्यालय में एडमिशन दिलाया गया, लेकिन 4 महीने में ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया।