दैनिक उजाला, बिज़नेस डेस्क : टमाटर-प्याज की महंगाई के बाद मिठाइयों की मिठास भी कड़वी हो सकती है। देश में चीनी की कीमतों के भाव आसमान छू रहे हैं। चीनी के घरेलू दाम इस समय 3 फीसदी बढ़कर 6 साल के हाई लेवल पर हैं। बाजार की मानें तो चीनी के कम उत्पादन की आशंका के चलते भाव में इतना इजाफा हुआ है।

उद्योग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, महज पिछले 15 दिनों में ही चीनी की कीमत में तीन फीसदी की तेजी आई है। गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण कीमतें बढ़ी हैं, जबकि त्योहारी सीजन करीब है, जब मिठाइयों की खपत कई गुना बढ़ जाती है। इससे खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और सरकार चीनी निर्यात की अनुमति देने से हतोत्साहित हो सकती है, जिससे वैश्विक कीमतों को समर्थन मिलेगा जो एक दशक से भी अधिक समय में अपने उच्चतम स्तर के करीब हैं।

देश के जो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं वहां पर कम बारिश हुई है। इसी के चलते देशभर में गन्ना उत्पादन की कमी को लेकर आशंका पैदा हो गई है। बाजार की बात करें, तो बाजार को उम्मीद है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी का उत्पादन घट सकता है। वहीं नए सीजन में उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है। नए सीजन में चीनी का उत्पादन 3.3% घटकर 3.17 करोड़ टन संभव है।

महाराष्ट्र में चीनी की एक्स-मिल कीमत 05 सितंबर 2023 को बढ़कर 3,630-3,670 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है, जो 1 अगस्त 2023 को 3,520-3,550 रुपए प्रति क्विटल थी।

मंगलवार को चीनी की कीमतें बढ़कर 37,760 रुपए प्रति मीट्रिक टन हो गईं, जो सितंबर 2017 के बाद सबसे अधिक है। आगामी त्योहारी सीजन के दौरान चीनी की मजबूत मांग को ध्यान में रखते हुए, सरकार द्वारा अगस्त के लिए 2 लाख मीट्रिक टन (महीने के लिए आवंटित 23.5 एलएमटी से अधिक) का अतिरिक्त कोटा आवंटित किया गया था।

खुदरा बाजार में 1 जुलाई 2023 को चीनी की औसतन कीमत 42.98 रुपए किलो दर्ज की गई थी लेकिन अब यह 5 सितंबर को बढ़कर 43.42 रुपए किलो पर जा चुकी है। इससे पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1 जनवरी 2023 को औसत कीमत 41.45 रुपए किलो रही थी। चीनी के महंगे होने से बिस्कुट से लेकर चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, मिठाइयों आदि की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।

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