• सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आसपास पांच एकड़ जमीन के अधिग्रहण की अनुमति भी दे दी है, हालांकि, यह साफ किया है कि जमीन का रजिस्ट्रेशन देवता के नाम पर होना चाहिए

दैनिक उजाला, मथुरा-वृन्दावन : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से श्री बांके बिहारी वृंदावन मंदिर के फंड को मंदिर कॉरिडोर के विकास के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने ये भी शर्त रखी है कि अधिग्रहित भूमि देवता के नाम पर रजिस्टर्ड होगी।

कोर्ट ने यूपी सरकार को मंदिर के 500 करोड़ रुपए से कॉरिडोर के लिए मंदिर के पास 5 एकड़ जमीन अधिगृहीत करने की इजाजत दी है। साथ ही शर्त लगाई कि अधिगृहीत भूमि देवता के नाम पर पंजीकृत होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को भी संशोधित किया। हाईकोर्ट ने मंदिर के आसपास की भूमि को सरकारी धन का उपयोग करके खरीदने पर रोक लगा दी थी।

बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में ईश्वर चंद्र शर्मा ने याचिका दाखिल की थी। इसमें दो मुद्दे रखे गए थे। पहला- रिसीवर को लेकर और दूसरा- कॉरिडोर निर्माण को लेकर। इन दोनों मुद्दों पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया।

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर में 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

मंदिर के खजाने से खरीदी जाएगी कॉरिडोर के लिए जमीन

बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने के लिए प्रदेश सरकार मंदिर के खजाने की राशि से कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदना चाहती थी। लेकिन, इसका मंदिर के गोस्वामियों ने विरोध किया और मामला हाइकोर्ट पहुंच गया।

हाइकोर्ट ने मंदिर के खजाने की राशि के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ईश्वर चंद्र शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और कॉरिडोर को लेकर याचिका दाखिल की।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिए आदेश में कहा कि मंदिर के खजाने से कॉरिडोर की जमीन खरीदने के लिए पैसा लिया जा सकेगा। सरकार को जमीन मंदिर के नाम लेनी होगी। सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि सिर्फ जमीन खरीदने के लिए सरकार बांके बिहारी मंदिर के खजाने से पैसा ले सकती है।

500 करोड़ रुपए से बनेगा कॉरिडोर

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होगा। यह खर्चा भूमि अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर के खजाने में करीब साढ़े 4 सौ करोड़ रुपए हैं। इसी धनराशि से कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदी जाएगी। इसके साथ ही जिनके मकान और दुकान आयेंगे उनको मुआवजा दिया जाएगा।

कॉरिडोर का ब्रजवासी विरोध कर रहे थे

कॉरिडोर का ब्रजवासी विरोध कर रहे थे

मंदिरों में अधिवक्ता नहीं बन सकेंगे रिसीवर

गुरुवार को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मथुरा वृंदावन के मंदिरों में अब अधिवक्ता रिसीवर नहीं बन सकेंगे। एक ऐसा रिसीवर नियुक्त किया जाए जो मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा हो, धार्मिक झुकाव हो। वेदों,शास्त्रों का ज्ञान अच्छी तरह से रखता हो।

इसके साथ ही वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा हुआ हो। जिला प्रशासन और अधिवक्ताओं को मंदिर प्रबंधन से दूर रखा जाना चाहिए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच न्यायाधीश बेला त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा ने दिया।

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