- बलदेव कस्बा की विद्युत जनसमस्याओं से एक्शियन को आईना दिखाकर दूर भाग गए एसडीओ
- रात्रि में बिजली गुल होने पर व्हाट्सएप गु्रप पर उपभोक्ता पूछ रहे थे लाइट जाने का कारण, एसडीओ हो गए लेफ्ट, रात्रि 12 बजे मिली बिजली
- बलदेव में आरडीएसएस योजना का हाल बेहाल- एसडीओ ने आज तक नहीं किया निरीक्षण, जनता पर थोप रहे कमियां
-योगेश कुमार
दैनिक उजाला, बलदेव/मथुरा : योगी सरकार की करोड़ों रूपए की आरडीएसएस योजना को किस प्रकार पलीता लगाया जाता है, यह देखना है तो बलदेव आईए। नगर में केबल कन्वर्जन के बाद भी झूल रही हैं। खंभों में सीमेंट अधिक मात्रा में न होने कारण गढ्ढ़ों में जगह छोड़ दी है। हाल ये है कि जिस दिन केबल खिंच रही हैं, उसी दिन नए खंभे लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन सभी हालातों को देखने के लिए एसडीओ के पास समय नहीं है? उन्होंने समस्याओं का झोल जनता पर ही डाल दिया है।
बलदेव नगर एक तीर्थ स्थल होने के बाद भी अपनी आभा खो रहा है। कारण विद्युत अधिकारी की लापरवाही या अनदेखी। अगर ऐसे ही हालात रहे तो वो दिन दूर नहीं कि जब नए केबल कन्वर्जन के बाद भी नगर की जनता को समस्याएं झेलनी होंगी। हाल ए बेहाल यह है कि एसडीओ को नगर की जनता कईयों बाद केबल कन्वर्जन में झोल तथा नए खंभों के गढ्ढ़ों में सीमेंट की मात्रा कम होने की शिकायत की है, लेकिन एसडीओ निरीक्षण करने एक दिन भी नहीं गए, बल्कि शिकायतकर्ता से कह दिया जाता है कि टीम आपके साथ जा सकती है, बता देना कहां खराबी है।
बलदेव निवासी रिषभ ने बीते दिन वैद्य गली में फेस न आने की शिकायत बलदेव विद्युत समाधान के गु्रप में की। यही नहीं उन्होंने बलदेव एसडीओ को फोन भी किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया। एक नहीं, बल्कि कई बार रिषभ ने फोन किए बावजूद इसके एक जवाब तक एसडीओ ने रिषभ को दना उचित नहीं समझा। यही नहीं गु्रप पर भी कोई रिप्लाई नहीं किया। इसके बाद रिषभ ने लिखा कि एक्शियन साहब कृपया उपरोक्त समस्या का संज्ञान लेते हुए एवं भीषण गर्मी के मद्देनजर तत्काल समाधान करने की कृपा करें। इसके बाद भी किसी भी अधिकारी ने कोई रिप्लाई नहीं दिया। इसके बाद रिषभ ने लिखा कि यदि रात 10 बजे के बाद किसी कॉलोनी/मोहल्ले का ट्रांसफॉर्मर से फेस चला जाता है, तो सब स्टेशन बलदेव के अधिकारी/कर्मचारी अपने कर्तव्य को निभाने में पूरी तरह ध्वस्त हैं, जैसा कि आप देख सकते हैं, इसी प्रकार के बत्तर कार्य को देखते हुये उपभोक्ता को विभागीय कार्यवाही करने हेतु बाध्य होना पड़ता है और ये इन्हें भली भांति ज्ञात है।
गोपाल पांडे ने बताया कि कभी कभी तो ऐसा लगता जैसे एसडीओ नहीं, बल्कि कोई अन्य स्तर का व्यक्ति बलदेव बिजलीघर को संभाल रहा है। इससे पहले भी एसडीओ रहे हैं, हर कोई फोन उठाता था और तहजे तमीज से उपभोक्ता से बात की जाती थी। हर तरीके उपभोक्ता की समस्या का समाधान किया जाता था। बलदेव के बंटी चौबे कहते हैं कि विद्युत की दयनीय स्थिति को देखते हुए तो ऐसा लगता है कि यह प्राइवेट होनी चाहिए।
बलदेव विकास समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पांडेय ने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत कोई खेल खेला जा रहा है। यही कारण है कि एसडीओ निरीक्षण के लिए नहीं निकल रहे हैं और लोगों पर दारोमदार डाल रहे कि वह स्थिति की जानकारी दे। अक्सर एसडीओ यही कहते रहते हैं कि ठेकेदार भाग जायेगा, न जाने क्या फ्री में काम हो रहा है। फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझते। हाल ए बेहाल कर रखा है बिजली का। एक्शियन जैसे स्तर का व्यक्ति एसडीओ के लिए काबिल लगता है। जिस प्रकार आधी रात एक्शियन फोन उठाकर विद्युत उपभोक्ता की समस्या सुनते भले ही वह हल हो या न हो।