- एसई देहात भी लोगों को ठीक जवाब देने से मुकर रहे
- पिछले वर्ष भी तीन-तीन दिन विद्युत गुल झेली और इस बार भी अधिकारी कर रहे लीपापोती
- आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत हुए कार्यों में बरती गयी भारी लापरवाही बलदेव क्षेत्र की जनता झेल रही और झेलेगी, अधिकारी सोये कुम्भकर्णींय नींद
दैनिक उजाला, बलदेव/मथुरा : बलदेव क्षेत्र की विद्युत अव्यवस्था अधिकारियों की लापरवाही के चलते जनता पर भारी पड़ रही है। तीर्थ क्षेत्र होने के बाद भी एसई देहात ने तमाम शिकायतों के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया और नहीं एक भी दिन बलदेव का निरीक्षण किया। लोगों का कहना है कि आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत हुए कार्यों में बरती गयी भारी लापरवाही के चलते हर वर्ष विद्युत सितम झेलना पडे़गा। कारण मथुरा विद्युत के उच्चाधिकारी हैं।
पिछले वर्ष भी बलदेव वासियों ने लगातार तीन-तीन दिन विद्युत गुल झेली है। इसके बाद भी अधिकारी इस वर्ष भी नहीं जागे और न दिन में चैन और रात घंटों बिजली गुल हो रही है। गर्मी के चलते स्थानीय व्याकुल हैं। पिछले वर्ष भी सैकड़ों शिकायतें एक्सईएन, एसई तथा चीफ इंजीनियर को पहुंची। बावजूद इसके एसई ने एक दिन भी बलदेव क्षेत्र का निरीक्षण तक नहीं किया कि आखिर शिकायतों के महत्व को ही अधिकारियों दरकिनार कर दिया।
बलदेव विकास समिति के अध्यक्ष के ज्ञानेन्द्र पांडेय कहते हैं कि पिछले वर्ष को इसलिए नहीं भूला जा रहा, क्योंकि इस वर्ष भी अभी तक विद्युत सितम झेलने पड़ रहे हैं। चीफ इंजीनियर की नई तैनाती हुई, लोगों आस थी कि अव्यवस्थाओं में कुछ सुधार होगा।
एसई देहात को भी कोई इनायत नहीं। चाहे बलदेव क्षेत्र की जनता कैसी भी हो। अगर फोन पर कोई शिकायत सुन ली तो बोल दिया कि देखते हैं। इसके बाद शिकायतकर्ता दोबारा एसई को फोन करे तो फोन पर कोई जवाब ही नहीं मिलता यानि फोन अटेंड ही नहीं होता।
स्थानीय मुकेश अग्रवाल और सुधीर अग्रवाल कहते हैं कि इस वर्ष जो भी बेहतर होगा वह किया जायेगा। चाहे भले ही लखनऊ की दौड़ लगानी पडे़। चीफ इंजीनियर को भी अवगत करा दिया गया है। यह तीर्थ क्षेत्र है, यहां श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहता है। विद्युत अधिकारी ही बलदेव क्षेत्र की छवि को खराब करने में जुटे हैं।
दैनिक उजाला विचार
अगर एसडीओ नियमित तरीके से बलदेव विद्युत उपखंड कार्यालय पर बैठें और बलदेव क्षेत्र का निरीक्षण कर जनता की राय लें, तो जहां कमियां हैं वह नजर आयें। उन कमियों पर कार्य हो। क्योंकि आरडीएसएस के कार्यां में जो लापरवाही बरती गई वह समस्याएं अब खड़ी हो रही हैं। इधर जेई को भी आगे बढ़कर कार्य करने की जरूरत है। क्योंकि जेई पिछले कई वर्षों से बलदेव क्षेत्र से अवगत है, बावजूद भी इस पर विचार से दूर हैं।