• जीएलए विश्वविद्यालय में बायोजेनेसिस इंडिया का शुभारंभ

दैनिक उजाला, मथुरा : जल संकट को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, जीएलए विश्वविद्यालय में बायोजेनेसिस इंडिया कंपनी का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में एग्रोइनोवेट (भारत सरकार) सीईओ डा. प्रवीण मलिक ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्य अतिथि डा. प्रवीण मलिक ने पानी की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई और कहा कि “यदि तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के कारण होगा। जिस प्रकार पीने योग्य जल संसाधन कम हो रहे हैं, आने वाले समय में पानी को लेकर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।“ उन्होंने उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया और बताया कि कैसे भारत से विभिन्न एनिमल और प्लांट प्रोडक्ट्स का आयात-निर्यात किया जाता है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि जल्द ही पानी का भी बड़े पैमाने पर आयात-निर्यात शुरू होगा।

जीएलए विश्वविद्यालय के बायोटेक विभाग के साइंटिफिक ऑफीसर कंपनी के फाउंडर एंड सीईओ डा. नवभारत मनथना ने बताया कि उनके द्वारा पांच वर्षों की गहन अनुसंधान एवं विकास प्रक्रिया के बाद एक क्रांतिकारी जल परीक्षण किट तैयार की गई है। यह किट केवल 5 सेकंड में पानी की गुणवत्ता की जांच कर सकती है। केमिकल आयनाइजेशन तकनीक का उपयोग करते हुए, यह किट बैक्टीरियल संदूषण और टोटल डिजॉल्व्ड सॉलिड्स (टीडीएस) की उपस्थिति को रंग परिवर्तन के माध्यम से दर्शाती है। केवल 2 मिलीलीटर पानी से यह पता लगाया जा सकता है कि पानी पीने योग्य है या नहीं।

उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य आने वाले वर्षों में ऐसी किट विकसित करना है जो मात्र 5 मिनट में अशुद्ध पानी को शुद्ध कर सके। उन्होंने घोषणा की कि आने वाले पांच वर्षों में बायोजेनेसिस इंडिया का विस्तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। इस प्रयास से न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर भी जल संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि जल संकट की बढ़ती समस्या को देखते हुए, यह नवाचार एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। बायोजेनेसिस इंडिया की यह पहल जल सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक नई उम्मीद जगाती है। यदि इस तकनीक का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जाए तो, न केवल भारत बल्कि, पूरे विश्व में स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।

बायोटेक विभाग के प्रमुख डा. शूरवीर सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान ‘एक्यूराफ्ले‘ प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस दौरान छात्रों को विभिन्न स्थानों से जल नमूने एकत्र करने का अवसर मिला। विजेताओं का चयन लकी ड्रा के माध्यम से किया गया और उन्हें अच्छे-अच्छे गिफ्ट प्रदान किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में बायोटेक के शिक्षक तथा बीएससी प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जीएलए में पुस्तक के महत्व पर मंथन

जीएलए विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा प्रबंधन संकाय के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय ऑथर टॉक का आयोजन किया गया। फोटो-दैनिक उजाला

जीएलए विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा प्रबंधन संकाय के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय ऑथर टॉक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों को अपने लक्ष्य प्राप्ति के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए बिज़नेस मैनेजमेंट के निदेशक प्रो. अनुराग सिंह, प्रो. उत्कल खंडेलवाल, पुस्तकालय अध्यक्ष डा. राजेश कुमार और अतिथि नेहा गोयल एवं दृष्टि गोयल ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

डा. राजेश कुमार ने कार्यक्रम की अतिथि के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नेहा गोयल को लगभग 20 सालों का गहरा अनुभव है ये सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनर हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए एक मोटिवेशनल पुस्तक डेफ़ाई योर ग्रेविटी लिखी है।

प्रबंधन संकाय के निदेशक प्रो. अनुराग सिंह ने बताया कि असफलता के डर को अपने सपनों के बीच की बाधा न बनने दें, बल्कि उसे अपने सफल होने की प्रेरणा बनाएं। कार्यक्रम में उपस्थिति अतिथि सॉफ्ट स्किल ट्रेनर नेहा गोयल ने छात्रों को बताया की डेफ़ाई योर ग्रेविटी सिर्फ़ एक पुस्तक ही नहीं है, बल्कि यह हर उस युवा व्यक्ति या माता-पिता के लिए एक परिवर्तन यात्रा है जो आत्म-संदेह, भय या हताशा में फंसे हुए हैं।

पुस्तक लेखिका दृष्टि गोयल ने कहा कि सफल होने के कई रस्ते हैं, लेकिन निर्भर करता है कि आप किस रास्ते को चुनते हो। अंत में कार्यक्रम में धन्यवाद प्रेषित करते हुए प्रबंधन संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. उत्कल खंडेलवाल ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय में नेहा गोयल और दृष्टि गोयल के साथ एक रोमांचक जानकारी पर चर्चा हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी पुस्तकालय कर्मचारियों एवं प्रबंधन संकाय शिक्षकगण का विशेष योगदान रहा।

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