जयपुर : राजस्थान में सीकर जिले के लोसल थाने में एक ऐसे व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, जिसने एक ओपन स्कूल से 10वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने का झांसा देकर छात्रों से करीब 9.50 लाख रुपये लिए थे। जब अभिभावकों ने मार्कशीट का सत्यापन कराया तो 80 में से 10 फर्जी निकले। घटना के छह महीने बाद, लगभग 10 माता-पिता ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है, जो फिलहाल फरार है।

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता हीरा लाल ने कहा कि वह पिछले साल मई में शिवपाल नामक एक व्यक्ति से मिला था। शिकायत में कहा गया, शिवपाल ने दावा किया कि वह राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से 10वीं कक्षा के लिए पास की मार्कशीट दिलवा सकता है। साथ ही उसने यह भी कहा कि परीक्षा में शामिल होने की भी जरूरत नहीं है। सब बढ़िया नंबर से पास हो जाएंगे। लोसल एसएचओ पुष्पेंद्र सिंह के अनुसार हीरा लाल ने पुलिस को बताया कि उसने शिवपाल के खाते में 9.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।

राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (Rajasthan State Open School) की स्थापना 21 मार्च, 2005 में की गई। इसे ओपन बोर्ड राजस्थान (Open Board Rajasthan) या आरएसओएस (RSOS) के नाम से भी जाना जाता है। छात्र 10वीं और 12वीं कक्षा में एडमिशन ले सकते हैं। ओपन स्कूल बाहर से सीखने के संसाधनों को औपचारिक मान्यता देने का एक उपाय है ताकि किसी भी कारण से छात्रों की पढ़ाई न छूटे। 10वीं व 12वीं की परीक्षा हेतु न्यूनतम क्रमश 14 व 15 वर्ष का कोई भी व्यक्ति पंजीयन करवा सकता है। आयु की अधिकतम कोई सीमा नहीं है। पंजीयन राज्य भर के सैकड़ों केन्द्रों में से किसी पर भी करवाया जा सकता है। परीक्षा साल में दो बार मार्च-मई और अक्टूबर-नवंबर के महीने में आयोजित की जाती है।

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