वॉशिंगटन डीसी : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। चीन से अमेरिका आने वाले सामानों पर पहले से 30% टैरिफ लग रहा है। ऐसे में चीन पर कुल 130% टैरिफ लगेगा। ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि नया टैरिफ 1 नवंबर से लागू होगा।

ट्रम्प ने 1 नवंबर से सभी अहम सॉफ्टवेयर के निर्यात पर भी कंट्रोल करने की बात कही है। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘यह दुनिया के लगभग हर देश के लिए मुश्किल खड़ी करेगा।’

दरअसल, चीन ने 9 अक्टूबर को दुर्लभ खनिज (रेयल अर्थ मटेरियल) पर निर्यात को और कड़ा कर दिया था, जिसके जवाब में ट्रम्प ने नए टैरिफ लगाए हैं। इन नियमों के तहत, चीनी खनिजों या तकनीक का इस्तेमाल करने वाली विदेशी कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा। चीन ने किसी विदेशी सेना से जुड़ी कंपनियों को ऐसे लाइसेंस नहीं देने की भी बात कही।

चीन ने 5 रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए

चीन के पास दुनिया के 17 दुर्लभ खनिज (रेयल अर्थ मटेरियल्स) हैं, जिन्हें वह दुनिया को निर्यात करता है। इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सामान, EVs और डिफेंस सेक्टर में होता है। चीन ने पहले से 7 दुर्लभ खनिजों पर कंट्रोल कर रखा था, लेकिन 9 अक्टूबर को इसमें 5 और (होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम) जोड़ दिए गए।

यानी कि चीन का 17 में से 12 दुर्लभ खनिजों पर कंट्रोल हो गया है। इनके इस्तेमाल से पहले चीन से एक्सपोर्ट लाइसेंस लेना जरूरी होगा।

इस कदम से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सुरक्षा और उद्योग पर असर पड़ सकता है, क्योंकि चीन दुनिया की 70% दुर्लभ खनिज आपूर्ति और 90% प्रोसेसिंग कंट्रोल करता है।

चीन ने देश में नहीं बने प्रोडक्ट्स को भी नियंत्रण में शामिल किया

ट्रम्प ने कहा, ‘चीन ने दुनिया को एक बेहद आक्रामक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि 1 नवंबर 2025 से वे लगभग हर उत्पाद पर बड़े पैमाने पर नियंत्रण लगाएगा। इसमें चीन में बने उत्पाद ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसे सामान भी शामिल हैं जो चीन में बने ही नहीं हैं। यह फैसला सभी देशों पर लागू होगा।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे नैतिक रूप से शर्मनाक बताया है। उनका कहना है कि यह योजना चीन ने सालों पहले तैयार की थी। राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह विश्वास करना मुश्किल है कि चीन ने ऐसा कदम उठाया, लेकिन उन्होंने उठा लिया। बाकी इतिहास खुद बता देगा।’

ट्रम्प ने आगे कहा, ‘यह घटना वैश्विक व्यापार को हिला सकती है, क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सप्लाई चेन बाधित हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं।’

ट्रम्प बोले- शी जिनपिंग से मुलाकात करने का कोई कारण नहीं

राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा- चीन की घोषणा के बाद कई देशों ने हमसे संपर्क किया है जो चीन के इस बड़े व्यापारिक विरोध से बेहद नाराज हैं। इसलिए अब APEC में शी जिनपिंग से मुलाकात का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है।

हालांकि यह अभी भी साफ नहीं कहा जा सकता है कि ट्रम्प अपनी धमकियों पर कैसे अमल करेंगे और चीन इसका जवाब कैसे देगा। लेकिन मीडिया से चर्चा के के दौरान ट्रम्प ने बताया कि फिलहाल उन्होंने अपनी मीटिंग रद्द नहीं की है।

ट्रम्प ने लिखा-

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चीन बहुत आक्रामक होता जा रहा है। वह इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर चिप्स, लेजर, जेट इंजन और बाकी तकनीकों में इस्तेमाल होने वाली धातुओं और चुंबकों तक पहुंच को सीमित कर रहा है। कई देशों ने हमसे संपर्क किया है जो इस बड़े व्यापारिक विरोध से बेहद नाराज हैं, जो अचानक शुरू हुआ है।

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