देहरादून : कांवड़ रूट (Kanwar Yatra 2024) पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिक का असली नाम लगाने के सरकार के फैसले को लेकर मचा हंगामा थमता नहीं दिख रहा है। अब इस विवाद में योग गुरु बाबा रामदेव (Ram Dev) ने भी एंट्री मारी है। उन्होंने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हिंदू और मुसलमान सबको अपनी पहचान बतानी चाहिए। हमारे ईश्वर एक हैं। किसी को अपनी पहचान बचाने में दिकत नहीं है। बाबा रामदेव ने बातचीत में कहा, पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। रामदेव को अपनी पहचान बताने में दिकत नहीं है तो रहमान को क्यों दिकत है। बाबा रामदेव ने कहा है, ‘अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों दिक्कत होनी चाहिए? अपने नाम पर गर्व सबको होता है।
बाबा रामदेव ने कांवड़ियों को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कांवड़िये भी समझदारी दिखाएं और अनुशासन बनाए रखें। मैं सनातन घर्म से आहवान करूंगा कि सनातन घर्म को अपने आचरण में घारण करें। हमें अपने आचरण से परिचय देना चाहिए। उत्तराखंड पुलिस ने नेमप्लेट लगाने से संबंधित नियमों का पालन करने में विफल रहने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। बाबा रामदेव उन्हों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फैसले को लेकर हो रहे विरोध पर भी खुलकर बात की। बाबा रामदेव ने कहा कि इस फैसले के विरोध के पीछे राजनीति है। विरोध तो मोदी जी का भी हो रहा है। विरोधी कहते हैं कि उनसे संविधान को खतरा है।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
इस पूरे विवाद की शुरुआत UP सरकार के उस आदेश से हुआ, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ रूट पर पड़ने वाली सभी रेस्टोरेंट, दुकानों, होटल, ढाबा और ठेले वालों को आदेश दिया है कि वे अपना नाम अपनी दुकान के आगे लिखें। ताकि कावड़ यात्रा करने वाले यह जान सकें कि वह किस दुकान से सामान खरीद रहें हैं। दुकान के मालिक के लिए अपनी पहचान बताना भी अनिवार्य होगा। इसके अलावा रेट लिस्ट लगाने को भी कहा गया है। शिव भक्तों को सुविधा प्रदान करना है। कांवड़ यात्रा सोमवार, 22 जुलाई से शुरू हो रही है।