पटना : बिहार चुनाव दो फेज में होंगे। 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, नतीजे 14 नवंबर को। चुनावी प्रक्रिया 40 दिन चलेगी। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन चुनावों के लिए SIR के तहत वोटिंग लिस्ट अपडेट की गई है। जो नाम छूट गए हैं, वे नॉमिनेशन से 10 दिन पहले तक जुड़वाए जा सकते हैं। ऐसे वोटर्स को नए वोटर कार्ड मिलेंगे।
बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं, जिनमें करीब 7.42 करोड़ वोटर हैं। इनमें 100 साल ऊपर के 14 हजार वोटर शामिल हैं। पोलिंग बूथ जाने में असमर्थ लोग फार्म 12 D भरकर घर से वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14 लाख लोग पहली बार वोट डालेंगे। बिहार में बूथ तक मोबाइल ले जा सकेंगे।
आयोग को 22 नवंबर 2025 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करानी है। सभी दलों ने आयोग से छठ पर्व के बाद वोटिंग कराने की मांग की है। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य में दो फेज में वोटिंग हो सकती है।
2020 में बिहार में 3 फेज में चुनाव हुए थे। 20 अक्टूबर से 7 नवंबर तक वोटिंग चली थी। 10 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया था। इससे पहले 2015 में 5 फेज में वोटिंग हुई थी। 12 अक्टूबर से 5 नवंबर तक मतदान हुआ। 8 नवंबर को चुनाव नतीजे आए थे।
बिहार में चुनावी मशीनरी, चुनाव के लिए 90712 बीएलओ
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार की चुनावी मशीनरी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राज्य में 90712 बीएलओ हैं। 243 ERO और 38 DEO/CEO होंगे। 1950 वोटर हेल्पलाइन बनाई गई हैं। +91 के साथ जिले का कोड बनाया गया है। ECINET से बीएलओ के साथ कॉल बुक करने की सुविधा रहेगी।
चुनाव आयोग ने बताया- वोटर्स की सुविधा का रखा जा रहा ख्याल
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
ज्ञानेश कुमार ने कहा- बिहार चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने ज्ञानेश कुमार ने कहा, जो सारी बातें समीक्षा में आईं। उसमें तय हुआ कि आज चुनाव की तारीखों का ऐलान करें। बिहार में हम सभी राजनीतिक दलों, पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिाकरियों से मिले। सुरक्षाबलों के अधिकारियों के साथ बैठक हुईं। आयोग आपको बतलाना चाहता है कि इस बार बिहार चुनाव मतदाताओं के लिए सरल, सुगम होंगे, पूरी लॉबी मतदाताओं की मदद के लिए खड़ी रहेगी, बिहार चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे। इस बार का बिहार चुनाव सबसे अच्छे चुनावों में शामिल होगा। ऐसी आयोग की मंशा है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, वोटिंग लिस्ट में सुधार कराया जा सकता है
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार की धरती पर 5 साल बाद चुनाव हो रहा है। आयोग के काम दो चरणों में होते हैं। पहला चरण- मतदाता सूची बनाना, दूसरा चरण- चुनाव कराना।
उन्होंने कहा कि 24 जून 2025 से शुरू मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया गया। 1 अगस्त को ड्राफ्ट सूची पब्लिश की गई। 1 अगस्त से 1 सितंबर तक claim/objection का समय दिया गया। फिर 30 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची रिलीज की गई, लेकिन अभी भी कोई गलती रह गई है तो जिलाधिकारी के पास अपील फाइल की जा सकती है।

