पटना : बिहार में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से 7 महीने पहले बुधवार को नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें से 4 मिथिलांचल इलाके से हैं। इन्हें मिलाकर अब मिथिलांचल से 6 मंत्री हो गए हैं।

आज मंत्री बनाए गए सभी विधायक भाजपा के हैं। इनमें 3 पिछड़े, 2 अति पिछड़े और 2 सवर्ण समुदाय से हैं।

राज्य में एनडीए सरकार का 13 महीने में यह तीसरा विस्तार है। नीतीश सरकार में अब 36 मंत्री हैं। इनमें भाजपा के 21, जेडीयू के 13, बाकी एक हम से और एक निर्दलीय हैं।

सबसे पहले दरभंगा विधायक संजय सरावगी ने शपथ ली

दरभंगा से BJP विधायक संजय सरावगी ने सबसे पहले शपथ ली। इसके बाद सुनील कुमार (बिहार शरीफ), जीवेश मिश्रा (जाले), राजू सिंह (साहेबगंज), मोतिलाल प्रसाद (रीगा), कृष्ण कुमार उर्फ मंटू (अमनौर), विजय मंडल (सिकटी) मंत्री बने।

मिथिलांचल NDA का गढ़, गठबंधन के 30% विधायक यहीं से

बिहार में कुल 243 सीटें हैं। एनडीए के पास 131 सीटें हैं। इनमें से 40 सीटें मिथिलांचल से हैं। इसलिए मिथिलांचल को NDA का गढ़ कहा जाता है। मिथिलांचल के 6 जिलों (सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, वैशाली) में 60 सीटें आती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से एनडीए को 40 सीटें मिली थीं। आगामी चुनाव को देखते हुए यहां से 4 विधायक मंत्री बनाए गए हैं। दो पहले से मंत्री हैं।

मंत्री बने एक विधायक बिहार शरीफ (दक्षिण बिहार) से हैं।

मौजूदा कैबिनेट में 36 मंत्री, भाजपा के 21

नीतीश कुमार की मौजूदा कैबिनेट में कुल 36 मंत्री हो गए हैं। 6 मंत्रियों की जगह खाली थी। बुधवार को दिलीप जायसवाल के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 7 जगह खाली हो गईं।

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