• छत्तीसगढ़ के बीजापुर में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है

जगदलपुर/बीजापुर : पत्रकार मुकेश चंद्राकार हत्याकांड मामले में बीजापुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड ठेकेदार सुरेश चंद्राकार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है।SIT ने यह गिरफ्तारी रविवार देर रात की। पुलिस इससे पहले सुरेश के दो भाइयों, रितेश और दिनेश चंद्राकर और एक मजदूर को गिरफ्तार कर चुकी है। यह गिरफ्तारी 6 जनवरी 2025 को हुई। बता दें कि सुरेश चंद्रकार कांग्रेस नेता और ठेकेदार भी हैं, जिसे पकड़ने के लिए SIT की टीम शनिवार को हैदराबाद गई थी।

आरोपी सुरेश, पत्रकार मुकेश चंद्राकर का चचेरा भाई है। मामले में सुरेश के 3 सगे भाइयों समेत 4 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं। मुकेश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट के 15 निशान मिले थे। कितनी बुरी तरह हत्या की गई, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि लिवर के 4 टुकड़े मिले, गर्दन टूट गई और हार्ट फट गया था।

सुरेश चंद्राकर पेशे से ठेकेदार है और राजनीति से भी जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार के भ्रष्टाचार की खबर बनाई थी। इसी बात से नाराज सुरेश ने मुकेश की हत्या करवाई। सुरेश ने बीजापुर में अपने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में खाने के बहाने बुलाकर अपने भाई और सुपरवाइजर के हाथों मुकेश की हत्या करवा दी थी।

एक समारोह में आरोपी सुरेश चंद्राकर और उसकी पत्नी। हैदराबाद से सुरेश की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया।

एक समारोह में आरोपी सुरेश चंद्राकर और उसकी पत्नी। हैदराबाद से सुरेश की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया।

पत्नी और ड्राइवर को छोड़कर भाग गया था सुरेश

सुरेश चंद्राकर को पुलिस लगातार ट्रेस कर रही थी। जानकारी मिली कि वह हैदराबाद की तरफ भागा है। हैदराबाद से कुछ ही दूर पहले एक गाड़ी को पुलिस ने रोका, जिसमें सुरेश चंद्राकर की पत्नी और ड्राइवर मौजूद थे। सुरेश इस गाड़ी को छोड़कर भाग चुका था। पत्नी से पूछताछ करते हुए पुलिस को सुराग मिला, जिसके बाद सुरेश को भी पकड़ लिया गया।

बदले जा सकते हैं SIT के अफसर

हत्याकांड के बाद बनाई गई SIT के अधिकारियों को बदला जा सकता है। इन्वेस्टिगेशन टीम में पहले से ही बीजापुर में पदस्थ कुछ अधिकारियों को शामिल किया गया है। पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पुलिस हेडक्वार्टर से अन्य अधिकारियों से मामले की जांच कराने की मांग की गई थी, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। गृह मंत्री विजय शर्मा के मुताबिक, मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

कमरे में मौजूद सबूत मिटाने की कोशिश की गई। डिस्पोजल और प्लेट को जलाया गया।

कमरे में मौजूद सबूत मिटाने की कोशिश की गई। डिस्पोजल और प्लेट को जलाया गया।

घर में बनी थी हत्या की पूरी साजिश

सुरेश चंद्राकर ने मुकेश की हत्या की साजिश बीजापुर स्थित अपने घर में बैठकर की थी। तय हुआ कि छोटा भाई रितेश, सुरेश को बुलाएगा और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर उसे मार देगा। साजिशकर्ताओं को पता था कि रितेश के बुलाने पर ही मुकेश आ सकता है।

सुरेश चंद्राकर ठेकेदारी करता है। उसके राजनेताओं से भी संबंध हैं।

सुरेश चंद्राकर ठेकेदारी करता है। उसके राजनेताओं से भी संबंध हैं।

साजिश में ये भी था कि हत्या के दिन सुरेश और दिनेश जगदलपुर में रहेंगे। हत्या के बाद रितेश रायपुर और सुरेश हैदराबाद चला जाएगा। वहीं, दिनेश और मैनेजर महेंद्र रामटेके दोनों मिलकर शव को ठिकाने लगाएंगे। आरोपियों ने घटना को इसी तरह अंजाम दिया। पत्रकारों की सक्रियता के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

बीजापुर के इसी कमरे में मुकेश चंद्राकर का मर्डर हुआ था। अब पुलिस ने इसे सील कर दिया है।

बीजापुर के इसी कमरे में मुकेश चंद्राकर का मर्डर हुआ था। अब पुलिस ने इसे सील कर दिया है।

घर से 2 किमी दूरी पर हुई हत्या

सुरेश ने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में मौजूद कमरों को स्टोर रूम बनाकर रखा था। आस-पास सैकड़ों घर भी हैं। ये इलाका मुकेश चंद्राकर के घर से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है। जब भास्कर की टीम ने इलाके में रहने वाले लोगों से बातचीत करने की कोशिश की तो लोगों ने कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया।

तीनों हत्यारे भाइयों का अय्याशी का था अड्डा

इसकी वजह सुरेश और उसके गुर्गों का डर था। इलाके के लोग भी इस हत्याकांड से सहमे हुए हैं। हालांकि, ऑफ कैमरा लोगों ने बताया कि ये सिर्फ नाम का बैडमिंटन कोर्ट था। यहां तीनों भाई अय्याशी किया करते थे। अंदर किसी को घुसने नहीं दिया जाता था। यहां वही जाता था, जिन्हें सुरेश, दिनेश या फिर रितेश लेकर आते थे।

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