बीकानेर : बीकानेर से जैसलमेर की ओर जा रही एक मालगाड़ी मंगलवार सुबह करीब 7 बजे अचानक डिरेल हो गई। पटरियों से उतरकर मालगाड़ी के करीब 37 डिब्बे पटरी से उतर गए और कुछ डिब्बे लगभग 10 से 20 फीट दूरी तक जा गिरे। रेल की पटरियां एक दूसरे से अलग होकर करीब 2 फीट तक एक दूसरे के ऊपर पहुंच गई। गनीमत रही कि ये मालगाड़ी का हादसा है, इसी ट्रैक से बीकानेर-जैसलमेर रेल भी दिन में दो बार आना-जाना करती है। मालगाड़ी के कारण कोई घायल नहीं हुआ।
रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। डिब्बों को मौके से हटाकर इस मार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया जाएगा। इस बीच बीकानेर से जैसलमेर के बीच सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर रवाना होने वाली 14704 नंबर गाड़ी रद्द कर दिया गया।
उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता शशि किरण ने बताया कि रेलवे के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। फिलहाल एक ट्रेन को रद्द किया गया है। जल्दी ही स्थिति सामान्य कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि कुल 37 डिब्बे पटरी से उतरे हैं लेकिन किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है।

मालगाड़ी के डिब्बे काफी दूर तक जाकर गिरे।

यहां तक कि पहिये भी खुलकर पास के खेत में गिर गए।

डिब्बों के उतरने से पटरियों ने अपनी जगह छोड़ दी।
कोलायत से बीकानेर के बीच इंदो का बाला गांव के पास ये हादसा हुआ है। सुबह 7 बजे ये मालगाड़ी बीकानेर से जैसलमेर की ओर जा रही थी। इंदा का बाला गांव के ठीक पास ही पटरी से गाड़ी नीचे उतर गई। स्पीड में होने के कारण पटरी के कुछ डिब्बे तो दूर तक जा गिरे। एक दूसरे से जुड़े होने के कारण एक के बाद एक 4 डिब्बे नीचे उतर गए। तभी मालगाड़ी के लोको पायलट ने इसे रोक दिया।
रेलवे ट्रेक करीब 100 फीट तक क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसे वापस जोड़कर इस मार्ग को शुरू किया जाएगा। हालांकि इस मार्ग पर सवारी गाड़ी के रूप में बीकानेर जैसलमेर ट्रेन ही चलती है। देर रात ये दोनों ट्रेन निकल चुकी है। अब रात में ही यहां से सवारी गाड़ी को निकलना है। तब तक रेलवे इसे दुरुस्त कर देगा। मौके पर अब तक रिकवरी रेल नहीं पहुंची है। रेलवे के सीनियर डीसीएम भूपेश यादव ने बताया कि हादसे में किसी को चोट नहीं लगी है। यादव फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

हादसे के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
एक पटरी दूसरी पटरी से आगे पहुंची
ये हादसा इतना जबरदस्त था कि रेल पटरियों को जहां से जोड़ा जाता है, वो वहां से अपना स्थान छोड़कर करीब 2 फीट आगे निकल गई। पटरियों के किनारे समानान्तर रूप से एक दूसरे के साथ हो गए। इतना ही नहीं जिस ट्रैक पर डिब्बे रखे होते हैं, वो भी उतरकर पटरियों से दूर जा गिरे।
सीधी लाइन पर कैसे गिरे डिब्बे?
आमतौर पर रेल पटरियों के घूमाव वाले स्थान पर डिरेल हो जाती है लेकिन इंदों का बाला गांव में ये सीधी पटरियों पर ही पटरी से नीचे उतर गई। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। ऐसे में रेलवे को इसकी जांच करवानी पड़ेगी। इसी ट्रेक पर दो सवारी गाड़ी भी निकलती है।

