बरेली : ‘हम लोग 40-50 साल से यहीं पर रह रहे हैं। हमारी पूरी जिंदगी यहीं पर बीत गई है। एक-एक पैसा जोड़कर अपना घर बनवाया है। अब हम अपनी आंखों के सामने अपना घर कैसे टूटते देख सकते हैं। योगी जी, हम पर रहम करिए। हमारा कसूर यही है कि हम मुसलमान हैं।’

ये कहना है बरेली के शाहबाद इलाके में रहने वाले लोगों का। बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद पुलिस प्रशासन लगातार एक्शन मोड में है। अब तक 250 करोड़ की संपत्ति सील की जा चुकी है। कई मकानों पर बुलडोजर भी चल चुका है। अब नगर निगम भी कार्रवाई में जुट गया है। निगम ने पीएम आवास समेत 27 घरों को तोड़ने का नोटिस दिया है।

महिलाएं अपने-अपने घरों से बाहर निकल आईं। उन्होंने अपना दर्द बयां किया।

महिलाएं अपने-अपने घरों से बाहर निकल आईं। उन्होंने अपना दर्द बयां किया।

कांपते हुए हाथों में नोटिस लिए हुए एक बुजुर्ग महिला ने कहा- ये नगर निगम का नोटिस है। इसमें लिखा है कि हमारी जमीन सरकारी है। पर हम तो 40 साल से यहीं रह रहे हैं। यहीं हमारी जिंदगी बसी है। अब कहां जाएं, हमारे बच्चे यहीं बड़े हुए हैं। अब हम यहां से नहीं जाएंगे, अगर जाएगी तो हमारी लाशें ही जाएंगी। हमने कोई गलत काम नहीं किया।

महिला ने कहा- हम गरीब लोग हैं। मजदूरी करके खा रहे हैं। जब से नोटिस मिला है किसी के घर में खाना नहीं बन रहा।

महिला ने कहा- हम गरीब लोग हैं। मजदूरी करके खा रहे हैं। जब से नोटिस मिला है किसी के घर में खाना नहीं बन रहा।

जब से नोटिस मिला, घरों में चूल्हा नहीं जला

पास खड़ी एक दूसरी महिला की आंखें भर आईं। उसने कहा- हम गरीब लोग हैं। मजदूरी करके खा रहे हैं। जब से नोटिस मिला है किसी के घर में खाना नहीं बन रहा। बच्चों को पुलिस उठा ले गई। तीन दिन से चूल्हा नहीं जला। अब घर भी तोड़ देंगे तो जिएंगे कैसे? हमारे मर्द बीमार हैं, बच्चे जेल में हैं। कोई सुनने वाला नहीं है।

हमारे बच्चों को उठा ले गए, अब घर भी तोड़ देंगे

एक नौजवान की मां रोते हुए बोलीं- मेरा बेटा अमान 19 साल का है। नमाज पढ़कर घर में बैठा था, तभी पुलिस आई और उसे उठा ले गई। कहा कि बवाल में शामिल था। वो तो बस बच्चा है। अब कह रहे हैं घर तोड़ देंगे। हमारा क्या कसूर है? हमने तो बस जिंदा रहने की कोशिश की है।

पास में ही खड़ी एक और महिला बोली- हमारे बच्चों को बंद कर दिया गया है। 3-4 बच्चे जेल में हैं। खाना नहीं बन रहा। दिल टूट गया है। ऐसा लग रहा है, जैसे हमारे जनाजे रखे हैं। योगी जी, हमसे हमारी छत मत छीनिए, गरीबों पर रहम करिए।

महिला बोली- योगी जी, हमसे हमारी छत मत छीनिए, गरीबों पर रहम करिए।

महिला बोली- योगी जी, हमसे हमारी छत मत छीनिए, गरीबों पर रहम करिए।

बवाल के बाद से सब कुछ बदल गया

लोगों ने बताया कि 26 सितंबर के बवाल के बाद ही अचानक नगर निगम की टीमें पहुंचीं। पहले किसी ने कभी नहीं कहा कि ये जमीन अवैध है। लेकिन अब नोटिस दिए जा रहे हैं। एक बुजुर्ग ने कहा- मैं तो दो दिन काम पर गया था, लौटकर आया तो देखा कि नोटिस चिपका है। कहा गया है 15 दिन में घर खाली करो। लेकिन हम कहां जाएंगे? इतनी लागत लगी है, इतनी यादें हैं, छोड़ नहीं सकते।

नगर आयुक्त बोले- 27 अवैध निर्माणों को भेजा गया नोटिस

नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- शाहबाद क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय और नगर निगम की जमीन पर वर्षों से अवैध कब्जा था। बोर्ड की बैठक में इस पर शिकायतें आई थीं। प्रारंभिक जांच कराई गई और अब विस्तृत जांच के बाद करीब 27 लोगों को नोटिस जारी किया गया है।

15 दिन का समय दिया गया

उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। अगर उनके पास कोई वैध दस्तावेज हों तो प्रस्तुत करें। अगर दस्तावेज नहीं मिलते हैं तो नगर निगम अधिनियम और हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा डेलापीर तालाब की जमीन पर भी 10-12 लोगों को नोटिस जारी किया गया है, ताकि सरकारी भूमि को मुक्त कराया जा सके।

महिलाएं बोलीं- हम तो 40 साल से यहीं रह रहे हैं। यहीं हमारी जिंदगी बसी है। अब कहां जाएं, हमारे बच्चे यहीं बड़े हुए हैं।

महिलाएं बोलीं- हम तो 40 साल से यहीं रह रहे हैं। यहीं हमारी जिंदगी बसी है। अब कहां जाएं, हमारे बच्चे यहीं बड़े हुए हैं।

निगम का एक्शन जारी, मोहल्ले में सन्नाटा

शाहबाद मोहल्ले में अब खामोशी है। महिलाएं दुआ मांग रही हैं, बच्चे सहमे हुए हैं। हर किसी के मन में एक ही सवाल- क्या अब वाकई बुलडोजर चलेगा? लोग कहते हैं कि अगर हमारा घर टूटा, तो हमारी रूह भी यहीं दफन होगी।

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