• हरदोई में डीएम से शिकायत के बाद ग्राम सचिव निलंबित

हरदोई : हरदोई में पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने गए युवक से ग्राम सचिव ने दो हजार रुपये मांगे। देने से मना कर दिया तो पत्नी की जगह युवक का ही मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया। मामला डीएम तक पहुंचा तो महिला ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया। उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। युवक को पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा गया है।

हरदोई के अटवा गांव निवासी विश्वनाथ की पत्नी शांति देवी का निधन 19 दिसंबर 2024 को हो गया था। पत्नी की मौत के बाद पति पत्नी का मृत्यु प्रमाण बनवाने के लिए ग्राम सचिव सरिता देवी के पास गया था।

विश्वनाथ के मुताबिक, पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वह ग्राम पंचायत सचिव सरिता देवी के पास गए लेकिन वह मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में हीला हवाली करती रही। दो-तीन दिन बाद उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दो हजार रुपये की मांग की। रुपये न मिलने पर दो दिन लगातार विश्वनाथ को दौड़ाती रही।

पीड़ित ने डीएम से शिकायत की।

पीड़ित ने डीएम से शिकायत की।

पत्नी की जगह उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया

इसके बाद 3 जनवरी को ग्राम पंचायत सचिव सरिता देवी ने विश्वनाथ को उसकी मृतक पत्नी शांति देवी की जगह उसके ही नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र थमा दिया। विश्वनाथ के अनुसार, मौके पर वह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देख पाया लेकिन जब वह घर पहुंचा तो उसने चेक किया तो पाया कि पत्नी की जगह उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बन गया है। जिसपर मामले की शिकायत जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से की।

महिला ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया। FIR दर्ज।

महिला ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया। FIR दर्ज।

दो दिन तक टाला, फिर दो हजार मांगे

विश्वनाथ ने बताया- ग्राम सचिव ने पहले तो दो दिन तक उसे टालमटोल किया। बाद में 2000 रुपये की रिश्वत की मांग की। जब मैंने पैसे देने से मना कर दिया, तो ग्राम सचिव ने 3 जनवरी को उसकी पत्नी की जगह उसका खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर दिया। मैंने घर आकर देखा तब पता चला।

पीड़ित ने डीएम से की शिकायत

विश्वनाथ ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से की। इसके बाद डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया। महिला ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया। उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई। साथ ही, खुद खंड विकास अधिकारी ने पीड़ित के घर जाकर उसको उसकी पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा।

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