दैनिक उजाला, लखनऊ : लखनऊ में वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बड़ी बैठक हो रही है। यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा।
उन्होंने बताया- यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। इसमें से 11 हजार (करीब 78 प्रतिशत) सरकारी जमीन है। लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू-बेगम का मकबरा सरकार का है। हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया।
गोमती नगर के होटल मेरिएट में सुबह साढ़े 10 बजे से बैठक चल रही है। इसमें JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, यूपी सरकार में मंत्री दानिश आजाद समेत कई नेता शामिल हैं।
मीटिंग में JPC के सदस्य शिया वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों और शिया और सुन्नी वक्फ के मुतवल्लियों से मिलेंगे। होटल से बाहर निकले अल्पसंख्यक मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा- जिन्होंने वक्फ संपत्ति पर कब्जा किया है, वही बिल का विरोध कर रहे हैं।

JPC की बैठक में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए।
जेपीसी का गठन संसद में वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के पास न हो पाने के कारण किया गया था। इसकी अलग-अलग राज्यों में बैठक हुई। बिहार और कोलकाता में बैठक के बाद लखनऊ में जेपीसी की यह आखिरी बैठक है। जेपीसी को 31 जनवरी को अपनी रिपोर्ट संसद के बजट सत्र में पेश करनी है।

बैठक में यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग ने पक्ष रखा।
जगदंबिका पाल बोले- 24 और 25 जनवरी को फाइनल करेंगे रिपोर्ट
जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, आज जेपीसी की सभी स्टेक होल्डर्स, इस्लामिक स्कॉलर्स, वकीलों और दोनों वक्फ बोर्ड के साथ बैठक चली। पहले हमने सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री और सरकार के लोगों के साथ बैठक की। हमने सभी इस्लामिक स्कॉलर को सुना और बार काउंसिल के लोगों को सुना।
अब ये जेपीसी की लास्ट विजिट है, हमने तमाम राज्यों में ये बैठक की। आज ये अंतिम बैठक है। हम 31 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र में इस रिपोर्ट को रखेंगे और अपने JPC के सभी सदस्यों की राय भी मांगे हैं। फिर इस पर चर्चा करेंगे और 24 से 25 जनवरी को इसे फाइनल करेंगे।