प्रयागराज : महाकुंभ भगदड़ मामले में शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। भगदड़ में जान गंवाने वालों को अब तक मुआवजा सरकार ने नहीं दिया है।

अवकाश बेंच के जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और संदीप जैन की खंडपीठ ने उदय प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- सरकार का रवैया ‘अस्थिर’ और ‘नागरिकों की पीड़ा के प्रति उदासीन’ है। कोर्ट ने भगदड़ में सभी मौतों, मरीजों और डॉक्टरों की रिपोर्ट तलब की है।

कोर्ट ने कहा- राज्य सरकार मुआवजा से संबंधित पूरा ब्योरा दे। राज्य सरकार नागरिकों के ट्रस्टी की तरह काम करती है, उसे पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर शाही स्नान से पहले आधी रात में भगदड़ हुई थी। जिसमें सरकार ने 30 मौतों को स्वीकार किया था। 25-25 लाख मुआवजे का ऐलान किया था।

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30 जनवरी की सुबह शवों को एंबुलेंस की मदद से अस्पतालों में ले जाया गया था।

30 जनवरी की सुबह शवों को एंबुलेंस की मदद से अस्पतालों में ले जाया गया था।

हाईकोर्ट ने उदय प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उदय के मुताबिक, महाकुंभ भगदड़ में उनकी पत्नी सुनैना देवी (52) को गंभीर चोटें आईं। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। लेकिन उनकी पत्नी के शव का न तो पोस्टमॉर्टम हुआ, न ही उन्हें कोई जानकारी दी गई।

उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि सुनैना को कब और किस हालत में अस्पताल लाया गया था। कोर्ट ने इसे गंभीर चूक मानते हुए सरकारी संस्थानों के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं।

बेंच ने कहा- जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा कर दी, तो उसको समय से और गरिमा के साथ परिवारों को दे देना चाहिए था। नागरिकों की कोई गलती नहीं थी और ऐसी त्रासदियों में राज्य का यह कर्तव्य है कि वह पीड़ित परिवारों की देखभाल और सहायता करे।

कोर्ट ने डॉक्टर की डिटेल भी मांगी

कोर्ट ने मामले में हेल्थ डिपार्टमेंट, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए कहा- एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करें। इसमें 28 जनवरी से मेला खत्म होने तक उनके नियंत्रण में आने वाले सभी शवों और मरीजों की डेटवार जानकारी शामिल होनी चाहिए। साथ ही, उन डॉक्टरों का विवरण भी मांगा गया है, जिन्होंने घायलों का इलाज किया या मृत घोषित किया।

योगी सरकार ने हादसे के 17 घंटे बाद 30 मौतें स्वीकार की थीं

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर 29 जनवरी की आधी रात भगदड़ हुई। हादसे के 17 घंटे बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। शाम 6.30 बजे तत्कालीन मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और DIG वैभव कृष्णा ने 3 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। DIG वैभव कृष्ण ने कहा- भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 60 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है। उन्होंने कहा- घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर चढ़ गए। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा।

विजय किरण आनंद ने कहा- जो श्रद्धालु महाकुंभ में आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया था। जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे।

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