नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसकी वजह से अब पार्टी नेतृत्व की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश के नेताओं के बीच लगातार हो रही बयानबाजी और आपसी कलह को रोकने के लिए अब केंद्रीय नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अब प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी की निगाहें इन 10 सीटों पर होनी चाहिए, लेकिन प्रदेश के नेता आपस में झगड़ने में लगे हैं। आंतरिक कलह का असर विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
पार्टी में फूट का चुनाव पर क्या पड़ेगा असर?
सूत्रों के मुताबिक, यूपी में जल्द बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व राज्य में होने वाले दस विधानसभा उपचुनाव तक बदलाव को टालने के प्रयास में है। ऐसा इसलिए क्योंकि आगामी चुनाव में पार्टी की नजर खासकर ब्राह्मण और दलित समुदाय पर टिकी हुई है। असंतोष की स्थिति में यह समुदाय कांग्रेस की तरफ भी जा सकते हैं।
भाजपा में आंतरिक कलह के बीच उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने 17 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार पर बातचीत की। इसके साथ ही, संगठन प्रमुख के पद पर होने के नाते प्रदेश में हार की नैतिक जिम्मेदारी भी ली।
भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे मोदी
यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं से आज यानी 18 जुलाई को मुलाकात करेंगे। इसके जरिए वह संगठन को नया संदेश भी देंगे और देशभर के कार्यकर्ताओं को भी साधने की कोशिश करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री खुद आगे आकर भाजपा की एकता पर बात करेंगे।