नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर घमासान छिड़ा हुआ है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे लागू करने को लेकर विपक्ष की पार्टियां भाजपा को निशाना बना रही हैं। दिल्ली मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर वार्ता की।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आखिर ये सीएए है क्या? इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। बड़ी संख्या में लोग अल्पसंख्यकों को देश में लाया जाएगा फिर उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे।

भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती लेकिन वे पाकिस्तान से आए बच्चों को नौकरी देना चाहते हैं। वे हमारी नौकरियां अनके बच्चों को देना चाहते हैं। पाकिस्तानियों को हमारे सही घरों में बसाना चाहते हैं। बांग्लदेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के लगभग 2.5 करोड़ से तीन करोड़ अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा का बड़ा बयान सामने आया है। सरमा ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है तो वह अपने पद से इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे। हिमंत की टिप्पणी सीएए को लागू करने पर केंद्र की विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना के बीच आई है। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्षी दल पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने पर क्यों तुले हुए हैं, जिन्हें सीएए से लाभ मिलेगा। एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, क्या विपक्षी दलों में इंसानियत मर गई है? प्रताड़ित शरणार्थी हिंदू कहां जाएंगे?

हम नहीं लागू करेंगे सीएए-स्टालिन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि यह अधिकारों को छीनने का खेल है। इसका सीधा संबंध देश में एनआरसी को लागू करने से है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टाालिन ने कहा है कि यह कानून पूरी तरह से अनुचित है। तमिलनाडु सरकार राज्य में सीएए लागू करने का किसी भी तरीके से कोई अवसर नहीं देगी।कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लाई है। हम धर्म आधारित नागरिकता का विरोध करते हैं।

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