गुवाहाटी : असम में छापा मारने जा रही पुलिस की एक टीम को गूगल मैप ने नगालैंड में पहुंचा दिया। इस दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में ही थे। इसलिए वहां के लोगों ने पुलिस की टीम को मॉडर्न हथियारों के साथ देखा तो उन्हें बदमाश समझ लिया। वो किसी वारदात को अंजाम न दें, इसलिए लोगों ने उनपर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया।
घटना मंगलवार की है। दरअसल यह सब गूगल मैप के कारण हुआ। जहां पुलिस टीम पहुंची, वह नगालैंड का एक चाय बागान था, लेकिन इसे गूगल ने असम में दिखाया था।
जब इसकी जानकारी जोरहाट पुलिस को लगी तो मोकोकचुंग एसपी से मदद मांगी गई। इसके बाद मोकोकचुंग पुलिस ने एक टीम भेजकर इन लोगों की पड़ताल की।
नगालैंड के लोगों को जब पता चला तो उन्होंने घायल समेत 5 लोगों को रिहा कर दिया, जबकि बाकी 11 लोगों को रातभर बंदी रखा और अगले दिन छोड़ा।
सिविल ड्रेस और हथियारों से हुआ कन्फ्यूजन
मोकोकचुंग के स्थानीय लोगों ने असम पुलिस की टीम को अत्याधुनिक हथियार रखने वाले बदमाश समझा, क्योंकि इनमें से केवल तीन वर्दी में थे और बाकी सभी सिविल ड्रेस में थे। इससे भी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने टीम पर हमला भी किया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। पुलिस की यह पूरी टीम बुधवार को वापस जोरहाट पहुंच सकी।
जब नगालैंड के अधिकारी पहुंचे तो असम पुलिस की टीम को रिहा किया
नगालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने असम पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एक टीम मौके पर भेजी। तब स्थानीय लोगों को एहसास हुआ कि यह असम से आई असली पुलिस टीम थी और उन्होंने घायल व्यक्ति समेत पांच सदस्यों को छोड़ दिया। हालांकि उन्होंने 11 लोगों को रातभर बंधक बनाकर रखा। उन्हें सुबह रिहा कर दिया और बाद में वो जोरहाट पहुंचे।
गूगल पर आंख बंद करके भरोसा करना सही नहीं
गूगल मैप पर आंख बंद करके भरोसा करना सही नहीं है। कई बार मैप किन्हीं कारणों से गलत रास्ता दिखा सकता है। जैसे अगर कोई नई सड़क बनाई गई है, जो गूगल मैप पर अपडेटेड नहीं है तो यह गलत जानकारी दे सकता है। भारी बारिश, आंधी या तूफान के चलते रास्ता बंद हो जाता है। ऐसी स्थिति में भी गूगल मैप गलत जानकारी दे सकता है। गूगल मैप GPS सिग्नल के जरिए काम करता है। अगर किसी जगह पर नेटवर्क नहीं है तो भी यह गलत जानकारी दे सकता है।
पहले भी गूगल मैप की गलती से हुए हादसे
केस 1: 24 नवंबर को दातागंज से फरीदपुर जाने वाले मार्ग पर मुड़ा गांव के पास अधूरे पुल पर कार सवार तीन लोग हादसे का शिकार हो गए थे। वे गूगल मैप के सहारे चलते गए और पुल खत्म होते ही उनकी कार 20 फीट नीचे जा गिरी, जिससे तीनों लोगों की मौत हो गई थी।
केस 2: जून 2024 में गूगल मैप के सहारे केरल से कर्नाटक जा रहे दो युवक उत्तरी कासरगोड जिले में एक उफनती नदी में चले गए। गनीमत ये रही कि उनकी कार एक पेड़ में फंस कर रुक गई और युवकों की जान बच गई।
केस 3: अक्टूबर 2023 में केरल में गूगल मैप के भरोसे जा रहे दो डॉक्टरों की पेरियार नदी में डूबने से मौत हो गई थी। कोच्चि के गोथुरुथ इलाके में गाड़ी चला रहे 29 साल के अद्वैत से एक टर्न मिस हो गया और उनकी गाड़ी नदी में जा गिरी।
केस 4: साल 2021 में महाराष्ट्र में गूगल मैप के बताए गलत रास्ते की वजह से एक कार डैम में जा गिरी थी। यहां भी गाड़ी चला रहे व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई थी।