नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को नई जनगणना कराने और इसमें जाति आधारित आंकड़े देने की मांग दोहराते हुए कहा कि ऐसा करने से संविधान में निहित सामाजिक न्याय को सही अर्थ मिलेगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि नई जनगणना में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत समुदायों की जनसंख्या पर भी डेटा दिया जाना चाहिए।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘केंद्र सरकार हर 10 साल में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक देशव्यापी जनगणना करवाती है। पिछले रिकॉर्ड के हिसाब से जनगणना 2021 में होनी थी। लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इसे अब तक नहीं करवाया है।” उन्होंने दावा किया कि 2021 में जनगणना न होने का एक दुष्परिणाम यह है कि कम से कम 14 करोड़ भारतीय, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण अन्न योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं।

कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘एक तिहाई प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द देश को बताना होगा कि नई जनगणना कब कराई जाएगी। 1951 से दशकीय जनगणना ने अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या पर डेटा दिया है। नई जनगणना में ओबीसी के रूप में वर्गीकृत समुदायों की जनसंख्या पर भी डेटा दिया जाना चाहिए।”

रमेश ने कहा कि ऐसा होने से हमारे गणतंत्र के संविधान में निहित सामाजिक न्याय को सही अर्थ मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान को हाल ही में देश के लोगों ने नरेन्द्र मोदी, उनके चीयरलीडर्स और उनके लिए ढोल पीटने वालों के हमलों से बचाया है।”

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