गांधीनगर : गुजरात सरकार के सभी मंत्रियों ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है। सीएम भूपेंद्र पटेल कुछ देर में राज्यपाल को मंत्रियों का इस्तीफा सौंपेंगे। कल गांधीनगर में सुबह 11.30 बजे नई कैबिनेट का शपथ समारोह होगा।
नई कैबिनेट में 2 डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक भी मंत्री बन सकते हैं।
गुजरात की मौजूदा कैबिनेट में सीएम पटेल समेत 17 मंत्री थे, जिसमें आठ कैबिनेट रैंक के मंत्री हैं, जबकि इतने ही राज्य मंत्री (MoS) हैं।
गुजरात विधानसभा में 182 विधायक हैं। इस लिहाज से गुजरात सरकार में सीएम समेत 27 मंत्री हो सकते हैं।
जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलनी है, उन्हें फोन कर सूचना दे दी गई है। शपथ समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा उपस्थित रहेंगे।
अमित शाह रात को गुजरात जाएंगे
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार की रात करीब 9 बजे गुजरात पहुंचेंगे। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार सुबह गुजरात पहुंच रहे हैं।
आज राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील बंसल गुजरात आएंगे। शाम तक राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मुंबई में एक कार्यक्रम से गुजरात लौट आएंगे। उसके बाद रात 8 बजे उनके आवास पर मीटिंग होगी। इसी दौरान मंत्रियों से इस्तीफे लेकर राज्यपाल देवव्रत आचार्य को सौंपे जाएंगे। इस्तीफों के साथ ही राज्यपाल को नए मंत्रियों की सूची सौंप दी जाएगी।
कांग्रेस से आए नेताओं को मिल सकता है मंत्रीपद
नए मंत्रिमंडल में 16 में से 7-10 मंत्रियों को ड्रॉप करने और 3-5 मंत्री रिपीट किए जा सकते हैं। नए चेहरों में कांग्रेस से आए अर्जुन मोढवाड़िया, अल्पेश ठाकोर, सीजे चावड़ा और हार्दिक पटेल को मौका मिल सकता है।
सौराष्ट्र से जयेश रादडिया और जीतू वाघानी को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है। खासकर पाटीदारों और उत्तर गुजरात से ठाकोर समुदाय को तवज्जो दिया जाएगा।
इसके अलावा, जिन राज्य मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है, उनमें मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, पंचायत मंत्री बच्चूभाई खाबर, वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भीखूसिंह परमार और आदिवासी विकास मंत्री कुंवरजी हलपति शामिल हैं।
2027 के चुनाव की तैयारी के साथ वजह
- तीन साल से कोई बदलाव नहीं: 2022 में भूपेंद्र पटेल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद तीन साल से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दो साल बाद 2027 में चुनाव होने हैं। इस अभी से चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
- कई मंत्रियों के कामकाज से आलाकमान संतुष्ट नहीं: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मौजूदा सरकार के ज्यादातर मंत्री भाजपा आलाकमान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। इसके अलावा, हाल ही में हुए विसावदर विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत ज्यादातर नेता AAP के गोपाल इटालिया को हराने के लिए विसावदर गए थे। इसके बाद भी विसावदर सीट नहीं जीत पाए। मंत्रिमंडल के विस्तार में इसका भी असर दिखाई देगा।
- पुराने दिग्गजों को वापस लाने की तैयारी: राजनीतिक चर्चा है कि 2027 में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने विसावदर सीट जीतकर भाजपा को चिंता में डाल दिया है। इसलिए भाजपा भी अब कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। भाजपा में ताकतवर माने जाने वाले लेकिन लंबे समय से किसी न किसी वजह से दरकिनार किए गए नेताओं को अब बड़े पद दिए जाएंगे और नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी। आगे और नुकसान न हो, इसके लिए कुछ पुराने दिग्गजों को भी फिर से मौका मिल सकता है।
- सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार: नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के बाद से गुजरात सरकार में लगातार बदलाव हुए हैं। आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी सरकारों के अचानक इस्तीफे और अब मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार में बदलाव। ये सारे बदलाव तभी हुए हैं, जब गुजरात की जनता में सत्ता विरोधी लहर का असर महसूस होने लगा। नरेंद्र मोदी की रणनीति हमेशा से कुछ लोगों की वजह से पूरी पार्टी की छवि खराब करने के बजाय सुधारात्मक कार्य करने की रही है। जनवरी में नगर पंचायत चुनाव भी होने हैं।
2021 में रूपाणी का पूरा मंत्रिमंडल बदल गया था

4 साल पहले, भाजपा आलाकमान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत पूरे मंत्रिमंडल को अचानक बदलकर सबको चौंका दिया था। एक ऐसे घटनाक्रम में, जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी, विजय रूपाणी इस्तीफा देने राजभवन पहुंच गए थे। उनके इस्तीफे के बाद, भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2022 के चुनावों में 156 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की।

