इंफाल : मणिपुर में 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। इसके मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह नागपुर की चार रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट आए हैं। वे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मीटिंग करेंगे। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) प्रमुख अनीश दयाल को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा जा रहा है।
इसी बीच राज्य सरकार ने केंद्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) वापस लेने को कहा है। हिंसा के कारण केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस थाना इलाकों में AFSPA लगाया था।
16 नवंबर को सीएम एन बीरेन सिंह और 10 विधायकों के घरों को पर हमले हुए। हालात बिगड़ते देख 5 जिलों में कर्फ्यू और 7 जिलों में इंटरनेट सर्विस बंद है।
इस बीच, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा। सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में हालात और बिगड़े तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
16 नवंबर को जिरिबाम में बराक नदी के तट से दो महिलाओं और एक बच्चे का शव मिला था। शक है कि ये इन्हें 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से अपहृत किया था। 11 नवंबर को ही सुरक्षाबलों ने 10 बंदूकधारी उग्रवादियों को मार डाला था। जबकि कुकी-जो संगठन ने इन 10 लोगों को विलेज गार्ड बताया था। 15 नवंबर की रात भी एक महिला और दो बच्चों के शव मिले थे।
इंफाल में प्रदर्शन की 6 तस्वीरें…
इंफाल में मैतेई प्रदर्शनकारियों ने विधायकों के घरों पर तोड़फोड और आगजनी की।
इंफाल वेस्ट जिले के कीशमपट इलाके में मैतेई प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए।
इंफाल ईस्ट के खुराई लामलोंग में प्रदर्शनकारियों ने विधायक लीशांगथम सुसींद्रो के घर पर हमला किया। पुलिस ने यहां टीयर गैस के गोले छोड़े।
इंफाल में भाजपा विधायक सपम कुंजकेश्वर के घर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी।
सपम कुंजकेश्वर के घर पर लगे पौधों को भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने सपम कुंजकेश्वर के घर पर लगी आग बुझाई।
7 जिलों में इंटरनेट बैन, 5 में कर्फ्यू
विरोध प्रदर्शन के चलते मणिपुर के पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि सात जिलों में शनिवार शाम 5:15 बजे से दो दिन के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है। ये जिले हैं- इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर।
दरअसल, 11 नवंबर को वर्दी पहने हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोब्रेका थाना परिसर और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। इसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे। इस दौरान जिरीबाम जिले के बोरोब्रेका थाना परिसर स्थित राहत शिविर से 6 लोगों को अगवा किया गया था।
भाजपा चाहती है कि मणिपुर जले। वह नफरत और बांटने वाली राजनीति कर रही है। 7 नवंबर से अब तक राज्य में 17 लोगों की जान जा चुकी है। कई अन्य जिलों में हिंसा भड़क रही है।
मणिपुर के मामले में आप (पीएम मोदी) फेल रहे। अगर कभी भविष्य में आप मणिपुर गए तो वहां के लोग कभी आपको माफ नहीं करेंगे। वे कभी ये नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया।
वहीं, राहुल ने 16 नवंबर की देर रात को X पर पोस्ट करते हुए कहा- मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पें विचलित करने वाली हैं। एक साल से ज्यादा हो गया है। हर भारतीय चाहता है कि केंद्र और राज्य सरकारें हिंसा खत्म करवाने की कोशिश करे। मैं एक बार फिर PM मोदी से मणिपुर आने और क्षेत्र में शांति और सुधार की दिशा में काम करने की मांग करता हूं।
मिजोरम सरकार ने मणिपुर हिंसा पर दुख जताया
मिजोरम सरकार ने केंद्र और मणिपुर सरकार से अपील की है कि वे हिंसा को रोकने और शांति बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।
मिजोरम के गृह विभाग ने मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सरकार ने मिजोरम के लोगों से कहा है कि वे कोई ऐसा काम न करें, जिससे यहां तनाव बढ़े।
हिंसा की वजह से मणिपुर के करीब 7,800 लोग मिजोरम में शरण ले चुके हैं। ये लोग कुकी-जो समुदाय से हैं, जिनका मिजोरम के मिजो समुदाय से गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव है।