• जीएलए के केन्द्रीय पुस्तकालय में आयोजित कार्यशाला में पहुंचे कई प्रदेशों के ट्रेनर और विशेषज्ञ

दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के केन्द्रीय पुस्तकालय विभाग द्वारा कोहा पुस्तकालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर आईएलएमएस विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत हुई। कार्यक्रम का व्यापक लक्ष्य प्रतिभागियों को कोहा प्रणाली का उपयोग करके पुस्तकालय कार्यों को कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की दक्षता के साथ सशक्त बनाना है।

राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश सिंह, जीएलए विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने दीप जलाकर किया। कार्यशाला में दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से प्रतिभागी शामिल हुए।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डा. राजेश कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यशाला की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय को विश्वविद्यालय का हृदय माना जाता है। पुस्तकालय में ऑनलाइन संसाधनों के प्रयोग को नवीन शिक्षा नीति में भी स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कॉमर्शियल कंपनी की सर्विस पुस्तकालयों में मिल रही थी। अब कोहा सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान में कोहा सॉफ्टवेयर का भारत के हजारों पुस्तकालयों में प्रयोग हो रहा है। इस सॉफ्टवेयर की सुविधाएं निशुल्क हैं। कोहा-सॉफ्टवेयर के माध्यम से आसपास के क्षेत्रीय पुस्तकालयों को भी एकीकृत किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि यह समय बेहतर आईटी का है। हमें सूचना और तकनीकों से जुड़कर लाभ लेना होगा। उन्होंने कोहा सॉफ्टवेयर के बारे में और विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह सूचना को आसान तरीके से उपलब्ध और सुलभ बनाता है। कोहा-सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले पुस्तकालयों में अधिकांश कार्य स्वचालित होंगे। पुस्तकालय अपने डेटाबेस को स्वचालित कर सकते हैं, ताकि गलतियां कम हों और डेटा की गुणवत्ता अधिक हो।
जीएलए विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा एवं डा. राजेश सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सटीक और प्रामाणिक जानकारी के स्रोत के रूप में पुस्तकालयों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि पुस्तकालय अपने संग्रह विकास प्रयासों को कैसे बढ़ा सकते हैं।

कार्यशाला के दौरान कोहा विशेषज्ञ राजेंद्र असवाल, वीर मलिक एवं जमील अहमद ने कोहा इंस्टॉलेशन का लाइव डेमो प्रस्तुत किया और प्रतिभागियों को ओपन -एक्सेस सॉफ्टवेयर कोहा और लिनक्स से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों ने नवीनतम कोहा संस्करण के सभी मॉड्यूल का ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। जिसमें पुस्तक अधिग्रहण, कैटलॉगिंग, सर्कुलेशन, सीरियल कंट्रोल और ओपेक शामिल हैं।
वेब-आधारित इंटरफेस कोहा के ओपेक सर्कुलेशन प्रबंधन और चेक आउट इंटरफेस सभी मानकों के अनुरूप वर्ल्ड वाइड वेब प्रौद्योगिकियों पर आधारित हैं, जो कोहा को वास्तव में एक स्वतंत्र समाधान प्लेटफॉर्म बनाते हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डा. राजेश सिंह ने कार्यशाला में मुख्य अतिथि ने कार्यशाला के उद्देश्यों और पुस्तकालयों में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया। इस दौरान डा. राजेश कुमार ने बताया कि किस प्रकार जीएलए अपने विद्यार्थियों की लर्निंग प्रोसेस को डिजिटल पुस्तकालय के माध्यम से सरल बना रहा है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर अतिथियों के साथ चर्चा की। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, एसोसिएट डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शुक्ला ने कार्यशाला को सफल और प्रेरणादायक बताते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं। असिस्टेंट पुस्तकालयाध्यक्ष डा. शिव सिंह ने सभी अतिथियों को सम्मानित करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में सभी पुस्तकालय स्टाफ ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

banner