नई दिल्ली : विश्व बैंक के कार्यक्रम ‘मेकिंग इट पर्सनल: हाउ बिहेवियरल चेंज कैन टैकल क्लाइमेट चेंज’ में PM नरेंद्र मोदी ने कहाकि, क्लाइमेट चेंज से अकेले कॉन्फ्रेंस टेबल से नहीं लड़ा जा सकता, इसे हर घर में डिनर टेबल से लड़ना होगा। जब विचार चर्चा की मेज से खाने की मेज पर जाते हैं, तो यह एक जन आंदोलन बन जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि, मिशन LiFE मेरे दिल से जुड़ा मुद्दा है और इसे वैश्विक जाते देखते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। इसके बीज बहुत पहले बो दिए गए थे। 2015 के UNGA में मैंने व्यवहार में परिवर्तन के बारे में बोला था। उसके बाद से हम बहुत दूर आए हैं। अक्टूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और हमने मिलकर मिशन LiFE को उद्घाटन किया था।

लाइफ (LiFE) की पहल पर पीएम मोदी ने कहा कि, हर परिवार और हर व्यक्ति को इस बात से अवगत कराना होगा कि, उनकी पसंद से पृथ्वी को पैमाना और गति प्रदान करने में मदद मिल सकती है। पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणियों में कहा, मिशन लाइफ (LiFE) जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतंत्रीकरण करने के बारे में है। जब लोग इस बात से जागरूक हो जाएंगे कि उनके दैनिक जीवन के सरल कार्य भी शक्तिशाली हो सकते हैं, तब पर्यावरण पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

व्यवहार परिवर्तन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने बताया कि, विश्व बैंक समूह जलवायु वित्त को 26 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करना चाहता है। पीएम मोदी ने निष्कर्ष निकाला कि, कुल वित्त पोषण के एक हिस्से के रूप में इस जलवायु वित्त का ध्यान आमतौर पर पारंपरिक पहलुओं पर केंद्रित है, व्यवहारिक पहलों के लिए पर्याप्त वित्तपोषण मामलों पर काम करने की आवश्यकता है। विश्व बैंक से व्यवहारिक पहलों के प्रति समर्थन किया जाता है तो मिशन लाइफ जैसे मिशन का कई गुणा प्रभाव होगा।

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