जयपुर : सरकारी भर्तियों में पेपर लीक प्रकरण पर एक बार कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। सीएम गहलोत ने जहां पेपर लीक प्रकरणों पर नकेल कसने के लिए मौजूदा क़ानून को और ज़्यादा सख्त करने की पैरवी की, तो वहीं भाजपा ने कुछ सवाल उठाते हुए सरकार को घेरना जारी रखा। ऐसे में साफ़ है कि पेपर लीक प्रकरण पर आने वाले दिनों में सियासत और गरमाने वाली है और ये मुद्दा इस चुनावी वर्ष में भ्रष्टाचार और क़ानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों के साथ प्रमुख रहने वाला है।

सीएम गहलोत ने मंगलवार दोपहर ट्वीट करते हुए पेपर लीक प्रकरण में मौजूदा क़ानून में उम्र कैद तक का सख्त प्रावधान करने की मंशा जताई, जिसके महज़ कुछ ही देर बार भाजपा ने ‘काउंटर अटैक’ करना शुरू कर दिया। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत के इस सख्त तेवर पर पलटवार किया।

राठौड़ ने मुख्यमंत्री के ट्वीट को ही रीट्वीट करते हुए उन्हें घोषणावीर कहकर संबोधित किया। जवाब में कहा, ‘आपके शासन में 16 बार पेपर लीक होने का देशभर में रिकॉर्ड बन चुका है। विगत वर्ष फरवरी 2022 में सदन में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2022 लाकर आपने जो कानून बनाया था उसके बाद भी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, टेक्निकल हेल्पर भर्ती परीक्षा, वनरक्षक परीक्षा, सेकंड ग्रेड परीक्षा का पेपर सरकार की नाक के नीचे लीक हुआ।’

नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा, ‘आप सबसे पहले यह बताएं कि नए कानून के तहत अब तक कितने पेपर लीक के आरोपियों को आपने पकड़ा और सजा दिलवाई है ? आपने कितने आरोपियों की संपत्ति जब्त की और किन-किन संस्थाओं की मान्यता रद्द की है?’

राठौड़ ने राजस्थान में पेपर लीक को इस सरकार में परंपरा बताते हुए कहा कि आरपीएससी जैसी संस्था की निष्पक्षता पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। आरपीएससी सदस्य के रूप में बाबूलाल कटारा को नामजद करने वाले लोग अपने चेहरे की कालिख को मिटाना चाहते हैं जो संभव नहीं होगा। साढे 4 वर्ष तक युवाओं को खून के आंसू रुलाने के बाद अब आचार सहिंता के 3 माह पहले आपको युवाओं की याद आ रही है। प्रदेश का हर बेरोजगार युवा कांग्रेस सरकार की विदाई करने को तैयार बैठा है। अब इन दांव-पेंचों से कांग्रेस का डूबता जहाज नहीं बच सकता।’

अब पेपर लीक किया, तो होगी उम्रकैद
सीएम गहलोत ने मंगलवार को पेपर लीक प्रकरणों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की मंशा साझा की। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को RPSC, DOP, RSSB एवं अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करने के लिए निर्देशित किया है। पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है।’

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