प्रयागराज : यूपी के बरेली में तैनात एसडीएम ज्योति मौर्या के अधिकारी बनने के बाद बेवफा होने की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इस केस ने ऐसा तूल पकड़ा कि एक दंपति का 13 साल पुराना रिश्ता कमजोर पड़ गया। पति ने प्रयागराज में पढ़ाई कर रही पत्नी को घर वापस बुला लिया। दरअसल, महिला अपने पति के खर्चे पर प्रयागराज में BPSC की तैयारी कर रही थी। इसी बीच पति के खर्चे पर पढ़ाई करने के बाद जब ज्योति यूपीपीएससी में चयनित होकर अधिकारी बन गई तो उनके पति ने उनपर रिश्ते में धोखा देने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। हालांकि एसडीएम ज्योति मौर्या ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पति पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

पत्नी की पढ़ाई छोड़कर घर बुलाने का यह मामला बिहार के बक्सर जिले से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक मुरार थाना क्षेत्र के चौगाई गांव निवासी पिंटू कुमार सिंह की शादी साल 2010 में हुई थी। पिंटू अपनी पत्नी को यूपी के प्रयागराज में रखकर बीपीएससी यानी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी करा रहा था। मगर पिछले दिनों एसडीएम ज्योति मौर्य केस ने ऐसा तूल पकड़ा कि पिंटू ने अपनी पत्नी को वापस बुला लिया।

पिंटू की पत्नी खुशबू का कहना है कि पिंटू ने उसे पढ़ाई का खर्च देने से इनकार करते हुए घर बुलाया है। खुशबू ने पति को लाख समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो वह बिहार के मुरार थाने पहुंच गई। जहां उसने पुलिस से गुहार लगाई कि उसकी पढ़ाई जारी रखने में उसकी मदद की जाए। खुशबू ने कहा कि ‘मेरे पति ने मुझे पढ़ाने से इस वजह से इनकार दिया कि तुम भी कहीं ज्योति मौर्य की तरह बेवफा ना हो जाओ।’

बक्सर के मुरार थाने पहुंची खुशबू ने पुलिस से कहा कि ‘मैं इलाहाबाद में रह कर पढ़ाई करती थी, लेकिन मेरे पति ने मुझे पैसा देने से इनकार कर दिया है। पति का कहना है कि पढ़ाई के बाद तुम भी ज्योति मौर्या बन जाओगी। हर कोई ज्योति मौर्या नहीं हो सकता, इसीलिए मैं थाने पर आई हूं। मेरे पति को मेरी पढ़ाई के लिए राजी कराएं, मैं ज्योति मौर्य नहीं बनूंगी साहब।’ वहीं खुशबू के पति पिंटू सिंह ने कहा कि ‘मैं एसडीएम ज्योति मौर्या केस से काफी आहत हूं। मैं अपनी पूरी ताकत के साथ अपनी पत्नी को पढ़ा रहा था, लेकिन अब मैं अपनी पत्नी को पढ़ाने में सक्षम नहीं हूं। पत्नी को पढ़ना है तो पढ़े, लेकिन मैं पैसा नहीं दे सकता हूं।’

मुरार थाना प्रभारी बोले…

मुरार थाना प्रभारी रविकांत प्रसाद ने बताया कि पति-पत्नी का आपसी मामला है। अगर पति पढ़ाने में सक्षम नहीं है तो यह कानून का उल्लंघन नहीं है। पति का कहना है कि पत्नी अपने खर्चे पर पढ़ाई कर सकती है। लेकिन पत्नी के पास कोई आमदनी का जरिया नहीं है। फिलहाल इस मामले में कोई मुकदमा नहीं बनता है, यह पारिवारिक मामला है। ऐसे में दोनों लोगों को समझाया गया है। आपसी सहमति से परिवार चलते हैं। दोनों लोगों को थाने से घर भेज दिया गया है।

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