- शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है, कहते हैं कि इस दिन विष्णु जी और लक्ष्मी माता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है
दैनिक उजाला, धर्म डेस्क : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन दान करने से पुण्यकारी फलों की प्राप्ति होती है। तो ऐसे में पूर्णिमा के दिन स्नान-दान जरूर करें। हर माह में आने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है। तो चलिए जानते हैं कि वैशाख माह की पूर्णिमा कब है और स्नान-दान के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त क्या रहेगा।
वैशाख पूर्णिमा 2025 डेट और स्नान-दान का मुहूर्त
इस साल वैशाख पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 11 मई को रात 8 बजकर 1 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन 12 मई को रात 10 बजकर 25 मिनट पर होगा। वैशाख पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 8 मिनट से सुबह 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है। वैशाख पूर्णिमा के दिन यह दोनों मुहूर्त स्नान-दान के लिए बहुत ही शुभ और उत्तम रहेगा।
वैशाख पूर्णिमा के भगवान विष्णु और माता लक्ष्मीकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा का विधान भी है। पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा का पाठ करता है। साथ ही भगवान को केला और तुलसी दल आदि का भोग लगाता है उसके परिवार में हमेशा खुशहाली और संपन्नता बनी रहती है।