- न तो एसडीओ करते निरीक्षण और न ही अधिशासी अभियंता, बिना निरीक्षण कार्यालयों से ही लग रही आख्या
- सिंचाई विभाग के जेई ने कईयों बार अव्यवस्थाओं को देखा, लेकिन राहगीरों के लिए मुसीबत छोड़ दी
दैनिक उजाला, बलदेव/मथुरा : निचली मांट ब्रांच से निकलने वाले बलदेव रजवाह की सफाई कराकर इतिश्री करने वाले सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही किसी दिन राहगीरों तथा किसानों के लिए मुसीबत बन सकती है। पुल के ऊपर रेलिंग के तौर पर बनी सुरक्षा साइड पूरी तरह क्षतिग्रस्त की जानकारी होने के बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अनदेखा कर दिया है।
बलदेव नगर से खडैरा के लिए जाने वाले रास्ते में रजवाहा पर एक पुल बना हुआ है। पुल की दोनों साइडें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। यहां से हर रोज गांवों खडैरा, यमुनापार गढ़ाये, पीपरी नगरा, बलरामपुर, चौथाई आदि के वासिंदे बलदेव कस्बा में विभिन्न सामानों की खरीददारी एवं दर्शन को निकलते हैं। साथ दूधिया और किसानों का भी रात्रि को इस पुल से आवागमन बना रहता है। ऐसे पुल की दोनों साइडें क्षतिग्रस्त होने से खतरा बना हुआ है।
क्षतिग्रस्त साइडों को कई बार सिंचाई विभाग के जेई ने भी देखा, लेकिन शायद अनदेखा कर दिया। एसडीओ और अधिशासी अभियंता ने निरीक्षण तक नहीं किया। ऐसे में यह लापरवाही किसी दिन राहगीरों के लिए मुसीबत बनकर उभरेगी।
ठीक यही हालात बलदेव सादाबाद मार्ग पर बने पुल के हैं। इस पुल की दोनों साइडें कभी ऊंची होती थीं, छोटी-छोटी साइडें भी खतरनाक साबित हो सकती हैं। राहगीरों के लिए बनी इन व्यवस्थाओं पर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि कार्यालयों से बैठकर आख्या प्रेषित की जातीं हैं।
किसान गोपाल पांडेय ने बताया कि रजवाह की सफाई की इतिश्री कर सिंचाई विभाग के अधिकारी कार्यालयों में छुप कर बैठ जाते हैं। पुल की साइड काफी समय से क्षतिग्रस्त हैं। रात्रि में चलने के दौरान वाहनों के आते समय साइड में हो जाते, लेकिन साइडें ही क्षतिग्र्रस्त हैं, तो फिर कहां जायेगा राहगीर।
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रजवाहा पर बने पुलों की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की है। पुल की रेलिंग के तौर पर बनी साइडें भी सिंचाई विभाग सही करायेगा।
कपिल शर्मा- जेई, पीडब्लयूडी, बलदेव