लखनऊ : यूपी उपचुनाव की सरगर्मी तेज हो गई। नेताओं के बयानों में तल्खी भी बढ़ती जा रही है। बसपा प्रमुख मायावती ने मेरठ में तीन नेताओं को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। बसपा के सीनियर नेता और प्रभारी बाबू मुनकाद अली के बेटे कमाल की गाजियाबाद में शादी की दावत थी।
बसपा प्रमुख मायावती के मना करने के बावजूद पार्टी के मेरठ मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम, जिला प्रभारी महावीर सिंह प्रधान और दिनेश काजीपुर दावत में शामिल हुए। इसके बाद इन नेताओं पर कार्रवाई की गई। बता दें कि मुनकाद अली की बेटी सुंबुल राणा सपा के टिकट पर मीरापुर से उपचुनाव लड़ रही हैं।
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा- सभी विश्वविद्यालय में बाबा साहब का संविधान चलना चाहिए। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी उससे परे नहीं हो सकती है। यहां पर भी पिछड़ों और दलितों को आरक्षण मिलना चाहिए। इसमें कौन सा गलत कहा गया।
संविधान की पुस्तक लेकर घूमने वाले लोगों से पूछिए- यूनिवर्सिटी में दलितों को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए? पिछड़ों को एडमिशन क्यों नहीं मिलेगा। पिछड़े और दलित टीचर की भर्ती क्यों नहीं होगी? अल्पसंख्यक पढ़े, ये सरकार की नीति है। लेकिन पिछड़ा-दलित इससे वंचित हों, ये सरकार की नीति नहीं है।
इधर, कांग्रेस नेता कुंवर दानिश अली ने कहा – उनको मैं याद दिलाना चाहता हूं कि भाजपा ने 1977 और 1980 के घोषणापत्र में वादा किया था कि वे AMU को अल्पसंख्यक दर्जा दिलाएंगे। कमजोर वर्ग को इस देश में सकारात्मक कार्रवाई की जरूरत है। आरक्षण उसका एक माध्यम है।
मेरठ में बसपा की पार्टी से निकाले गए तीनों बसपा नेताओं से बातचीत
दिनेश काजीपुर ने कहा- हमारी पार्टी और बहनजी के प्रति हमेशा निष्ठा रही है। अभी भी हम पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के जो आरोप लगाकर निष्कासित किया गया, वो गलत हैं।
पहले भी ऐसा ही हुआ था, लेकिन हमारे काम को देखते हुए बहनजी ने हमें फिर पार्टी में वापस बुलाया। मुनकाद भाई के बेटे की शादी में नहीं जाने का कोई मैसेज मुझे नहीं आया, वो पार्टी के पुराने और बड़े नेता हैं, उनसे हमारे पारिवारिक संबंध हैं इसलिए उनके बेटे की शादी में गए।
महावीर सिंह प्रधान का कहना है- इस तरह का फैसला बिल्कुल गलत है। हमने हमेशा पार्टी की सेवा की है। कुछ विरोधी खेमे के लोग हैं, जो हमारे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। मुनकाद भाई हमारे नेता हैं, इसलिए हम उनके यहां दावत में गए। उसमें पार्टी के मेरठ से लेकर लखनऊ तक तमाम नेता थे, अन्य दलों के भी नेता थे।
प्रशांत गौतम ने कहा- मेरे पास मेवालाल जी का फोन आया, उन्होंने मुझे शादी में जाने से रोका। लेकिन मुनकाद चुनाव नहीं लड़ रहे। चुनाव उनकी बेटी लड़ रही है। उसकी शादी को 10 साल से ज्यादा हो गए। अब बेटी का घर अलग है। हम सुंबुल के घर नहीं गए थे।
इस बात से किसी को परेशानी नहीं होना चाहिए। अगर पार्टी को एक्शन लेना ही है तो उन सभी पर एक्शन ले, जो शादी में गए थे। फिर मुनकाद को सबसे पहले बहनजी पार्टी से निष्कासित करें, क्योंकि उनकी बेटी दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ रही है।