- तमाम विवादों में घिरे बैठा यह शिक्षक स्कूल कम काट रहा न्यायालयों के चक्कर
बलदेव/मथुरा : योगी सरकार में ऐसे शिक्षक होना आखिर किसकी नाकामी है। यह नाकामी और अधिक जब उजागर होती दिखती है जब ऐसे शिक्षक प्रशासन की आंखों के सामने ही हिटलर बनकर बैठे हों, लेकिन प्रशासन इन पर आंख बंद किए हुए बैठा है। आखिर क्यों?
बात कर रहे हैं नौहझील ब्लॉक के ग्राम भैरई स्थित जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात रामकटोर पांडेय, जो कि वर्तमान में भगवान श्रीकृष्ण के बडे़ भाई बलदेव जी यानि दाऊजी मंदिर का रिसीवर बनकर सरकार की किरकिरी कराने में जुटा है। शिक्षक पद पर बने रहकर मंदिर रिसीवरगिरी में अपने हाथ बढ़ाये। स्कूल से अधिक समय मंदिर की रिसीवरगिरी को दिया। मंदिर के द्वारा आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों में स्कूल के समय से लेकर देर रात्रि तक शामिल होना फोटो और वीडियो इस बात के सबूत हैं।
इससे कहीं अधिक सबूत लोगों से चल रहे विवाद जग जाहिर हैं कि किस प्रकार आये दिन लोगों से विवादरत रहकर शिक्षक अपनी हिटलरशाही से मंदिर रिसीवर बनकर बैठा है। पिछले 10 वर्षों पहले बेसिक शिक्षा प्रणाली को धता बताकर और जिला प्रशासन से लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी की आखों में धूल झांककर रिसीवर पद तैनात हुआ शिक्षक रामकटोर/आरके पांडेय आज विवादों के इतने घेरे में फंस चुका है कि आये दिन न्यायालय के चक्कर काटते हुए देखा जा सकता है।
शिक्षक इस लापरवाह प्रणाली को अब भी बेसिक शिक्षा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी दरकिनार करे हुए बैठे हैं। यही नहीं मंदिर के प्रसाद के नाम पर लखनऊ में अधीनस्थों से मिलकर नेतागिरी में अपने हाथ आजमाने का प्रयास कर स्कूल में जाने से दूरी बनायी।
हाल ही में दर्ज हुई एक और एफआईआर
शिक्षक/मंदिर रिसीवर रामकटोर के खिलाफ हाल ही एक और मुकदमा थाना सदर बाजार विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ है। इससे पहले भी रामकटोर के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं। लोगों का मानना है कि ऐसे शिक्षक कैसे स्कूल पहुंचकर बच्चों को शिक्षा देते होंगे जो खुद हिटलरशाही बनकर घूम रहे हैं और लोगों विवाद मोल ले रहे हैं। सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों कड़ा एक्शन लेना चाहिए।
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