नई दिल्ली : सर्दी से पहले दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में हवा में बढ़ते प्रदूषण ने चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और मुंबई में सांस लेना मुश्किल होने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 के गंभीर स्तर पर पहुंच गया। नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत एनसीआर के ज्यादातर इलाके रेड जोन में हैं। सर्दी के मौसम में दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो जाती है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, प्रदूषण का स्तर बढ़ता जाएगा। यानी अगले तीन महीने इस इलाके के लिए भारी साबित हो सकते हैं।

सीपीसीबी ने सबसे प्रदूषित हवा वाले शहरों की सूची जारी की है। इसमें पहले नंबर पर ग्रेटर नोएडा है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के फरीदाबाद में यह 322, हरियाणा के बहादुरगढ़ में 284, मानेसर में 280, राजस्थान के भरतपुर और भिवाड़ी में 261 दर्ज किया गया।

पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली में हवा की रफ्तार कम होने के कारण आने वाले चार-पांच दिन में एक्यूआई 300 के पार (बहुत खराब श्रेणी) रह सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली की हवा को कई फैक्टर जहरीला बना रहे हैं। इनमें पराली का धुआं, ट्रैफिक, कंस्ट्रक्शन, हवाओं की दिशा और गति शामिल है। नवंबर साल का सबसे प्रदूषित महीना होता है। प्रदूषण की हालत और गंभीर हो सकती है। सीपीसीबी के अधिकारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक्यूआइ 400 के पार पहुंच सकता है। अगर ऐसा हुआ तो लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होगी। सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों की समस्याएं बढ़ जाएंगी।

विशेषज्ञों के मुताबिक पहले दशहरा और बाद में दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी के कारण हवा की गुणवत्ता और खराब होने की आशंका है। आतिशबाजी से हवा में धूल के कण और कार्बन मोनो-ऑक्साइड का स्तर कई गुना बढ़ जाएगा।

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