- बहराइच में हुई हिंसा पर सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने प्रतिक्रिया दी है
दैनिक उजाला, बहराइच : उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा और दो समुदायों बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले में चंदौली से समाजवादी पार्टी सांसद वीरेंद्र सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि उनके नेता कहते थे कि राज्य में बिना उनकी मर्जी के पत्ता नहीं हिल सकता, फिर यह पत्ता हिल कैसे गया?
सपा सांसद ने कहा, “बहराइच में हो रही लगातार हिंसा पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। वह सीना ठोक कर कहते थे कि उनके राज्य में सांप्रदायिक दंगे नहीं होंगे। बिना हमारी इजाजत के प्रदेश में कोई पत्ता हिल नहीं सकता। तो यह पत्ता अब हिल कैसे रहा है? हालात यह बताते हैं कि स्थिति नियंत्रण में नहीं है। अगर सरकार चाहती, तो दंगों को तुरंत रोका जा सकता था। सत्ता में रहते हुए उनके द्वारा किए गए वादे अब सवाल उठाते हैं। यदि राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ है, तो फिर ये घटनाएं कैसे और क्यों हो रही हैं? वह जो कहते थे हम उसी को याद दिला रहे हैं। वह कहीं भाषण देने का सामान तो नहीं जुटा रहे हैं, या किसी पर कार्रवाई करने के लिए यह सब होने दे रहे हैं। राज्य में वे लोग बड़ा ही प्रचार करते थे कि हमारे राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ। यदि दंगा नहीं हुआ तो यह हो क्या रहा है? सबसे बड़ा सवाल यह है कि वे लोग इन दंगों को रोक क्यों नहीं पा रहे हैं?”
‘यूपी में पुलिसिंग पूरी तरह से विफल नजर आ रही है’
उन्होंने आगे कहा, “सरकार के पास जो शक्ति है, उसे देखते हुए यह समझना मुश्किल है कि अभी तक स्थिति शांत क्यों नहीं हुई। क्या यह किसी विशेष समूह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जगह बनाने का प्रयास है? क्या किसी के घर पर बुलडोजर चलाने की बातें हो रही हैं? ऐसे कार्य केवल जनभावनाओं को और भड़काते हैं। राज्य की जनता सब देख रही है। उत्तर प्रदेश में पुलिसिंग पूरी तरह से विफल नजर आ रही है। राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस की तैनाती और इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करने की आवश्यकता थी। यदि कोई धार्मिक भावना भड़कती है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए, न कि हालात को बिगड़ने देना चाहिए। ऐसे हालात में मामला संभाला जाता है। उनको समझाया जाता है कि ऐसे कारनामे न किए जाएं।”
‘मुख्यमंत्री बयान देंते हैं कि बटेंगे तो कटंगे’
उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा रही है कि हिंदू और मुसलमान दोनों एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं। भगवान श्री राम के पुष्पक विमान का उत्सव होता है। इसमें लाखों लोग एकत्र होते हैं। भगवान का पुष्पक विमान यादव समाज के लोग अपने कंधों पर ले जाते हैं। वहां इस कार्यक्रम में सभी लोग शामिल होते हैं। सरकार को यह ध्यान देना चाहिए कि पुष्पक विमान का रास्ता खुला रहे। यह एक ऐसा अवसर है, जब दोनों समुदाय एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। जब सरकार अपने कर्तव्यों में विफल रहती है, तो सामाजिक तनाव बढ़ता है। उदाहरण के लिए, सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लाखों लोग एकत्र होते हैं, लेकिन सरकार वहां भी उचित व्यवस्था नहीं करती। इसके विपरीत, तनावपूर्ण वातावरण पैदा करती है। यहां तक कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जानबूझकर तनाव पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के बयानों से स्पष्ट होता है कि विभाजन की कोशिशें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ही बयान देते हैं कि ‘बटेंगे तो कटंगे’। मुझे यह पीड़ा है कि मुख्यमंत्री किसके लिए यह बयान दे रहे हैं। हमारे देश के लोगों को ही बंटना और कटना है।”