प्रयागराज : ‘रेप के आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी जाती है कि वह जेल से रिहा होने के बाद किशोरी से शादी करेगा। उसे अच्छा जीवन देगा। उसके नवजात बच्चे का भरण-पोषण करेगा।’
यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस कृष्ण पहल की बेंच ने पॉस्को एक्ट में दर्ज केस में दिया है। यह केस सहारनपुर में दर्ज हुआ था। रेप पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया था कि धोखा देकर और शादी का झूठा वादा करके उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए।
लड़की के पिता ने कहा था कि मेरी बेटी 15 साल की है। आरोपी के शारीरिक संबंध बनाने की वजह से बेटी प्रेग्नेंट हो गई। इसके बाद हमने लड़के के परिवार से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने शादी से इनकार कर दिया। अब लड़की घर में ही रहती है। उनके परिवार ने धमकी भी दी है। पिता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ।
आरोपी के वकील आत्माराम नाडीवाल और दिनेश यादव ने कोर्ट को बताया- पीड़िता बालिग थी, क्योंकि परीक्षण से उसकी उम्र 18 साल निर्धारित हुई थी। रेप के आरोपों से भी इनकार किया गया। वकील ने कहा दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा- 164 के तहत दर्ज किए गए बयान में पीड़िता ने साफ तौर से कहा कि उसके खिलाफ कोई बल प्रयोग नहीं किया गया।
वकील ने कहा- मेरा मुवक्किल पीड़िता की जिम्मेदारी लेने और उससे शादी करने को तैयार है। वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह रिश्ते से पैदा होने वाली बच्ची की देखभाल करने के लिए भी तैयार है। वह 4 अप्रैल, 2024 से जेल में है। उसने आश्वासन दिया है कि अगर कोर्ट पीड़िता को बालिग नहीं मानता और उसे जमानत दी जाती है, तो वह पीड़िता के बालिग होने पर उससे शादी करेगा। इसके अलावा उसकी नवजात बच्ची के नाम पर 2 लाख रुपए की FD (सावधि जमा) कराएगा।
हाईकोर्ट ने क्या कहा…
- किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इसलिए नहीं छीना जा सकता, क्योंकि उस व्यक्ति पर अपराध करने का आरोप है।
- किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक उसका अपराध सिद्ध न हो जाए।
- आरोपी जेल से छूटने के बाद किशोरी के बालिग होते ही उससे शादी करेगा। उसे एक अच्छा जीवन देगा।
- नवजात बच्चे की देखभाल करेगा। उसके भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालेगा।
- जेल से रिहा होने की तारीख से 6 महीने के अंदर नवजात शिशु के नाम पर 2 लाख रुपए जमा कराएगा।