- गुरू पूर्णिमा पर श्रीदाऊजी महाराज व माता रेवती के दर्शन को उमड़ा सैलाब
- जगह-जगह भंडारे के आयोजनों ने श्रद्धालुओं का मन मोहा
बलदेव: गुरू पूर्णिमा पर ब्रज के राजा की नगरी बलदेव श्रीदाऊजी महाराज व माता रेवती के जयकारों से गुंजायमान हो उठी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों के श्रद्धालुओं ने आराध्य को माखन मिश्री का भोग लगाकर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर श्रीदाऊजी महाराज को करीब 100 कुंटल से अधिक मिश्री का भोग लगाया गया।
मुड़िया पूर्णिमा पर सुबह 4 बजे ही मंदिर के पट खुले। एक घंटे करीब मंगला दर्शन हुए। इसके बाद ब्रजराज को स्नान कराकर विशेष श्रृंगार धारण कराए गए। मंदिर खुलने से पूर्व देखा गया कि मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही मंदिर प्रवेश द्वार खुले तो श्रद्धालुओं भारी रैला मंदिर प्रांगण में उमड़ पड़ा और श्रीदाऊजी महाराज की जय जयकार से समूचा वातावरण प्रफुल्लित हो उठा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने आराध्य को माखन मिश्री का भोग लगाकर सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
दर्शन करने के बाद श्रद्धालु श्रद्धालुओं द्वारा आयोजित मंदिर प्रांगण और बारहद्वारी में आयोजित भजन कीर्तन में शामिल हो गए। चहुंओर भगवान के विभिन्न भजनों पर श्रद्धालु थिरकते हुए नजर आये। प्रत्येक दर्शनार्थी इन भजनों का लाभ उठाकर अपने आपको झूमते हुए रैला में शामिल करने से न रोक सका। इस आनंदित माहौल में यह भी देखा गया कि श्रद्धालु माखन मिश्री के अलावा पेड़ा की भोग-प्रसादी को प्रत्येक श्रद्धालु को वितरित कर रहे थे।

मंदिर के समाधानी रमाकांत शर्मा ने बताया कि गुरू पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने करीब 20 कुंटल से अधिक मिश्री का भोग दाऊजी महाराज को समर्पित किया। उन्होंने बताया कि ऐसे अवसरों पर ब्रजराज को कई कुंटल मिश्री का भोग लग जाता है।
मंदिर की व्यवस्थाओं के बारे में समाधानी ने बताया कि श्रद्धालुओं खचाखच भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रांगण के प्रत्येक कोने पर पंखा और कूलर की समुचित व्यवस्था की गई थी। ऐसे में किसी भी श्रद्धालु को गर्मी का एहसास ही नहीं होने दिया।
सेवायत ज्ञानेन्द्र पांडेय ने बताया कि ऐसे अवसरों पर कुंटलों मिश्री का भोग ब्रजराज को लगता है। गुरू पूर्णिमा पर भी करीब 100 कुंटल से अधिक मिश्री की बिक्री हुई। जिसमें से 20 कुंटल के करीब श्रद्धालुओं ब्रजराज के भोग लिए अर्पित की और 80 कुंटल के करीब श्रद्धालु भोग लगाकर प्रसादी के तौर पर अपने साथ ले गए।

दर्शन के बाद और पहले किया क्षीर सागर में स्नान
दूर-दराज से ब्रजराज के दर्शन को आए श्रद्धालुओं ने क्षीर सागर में स्नान और आचमन कर अपने आपको धन्य महसूस किया। इस अवसर पर देखा गया कि लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन के बाद क्षीर सागर में स्नान किया तो किसी ने पहले स्नान कर दर्शन किए।
प्रशासन और पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं
गुरू पूर्णिमा पर दूर-दराज से आये हुए श्रद्धालुओं ने जमकर प्रशासन और पुलिस नाकामी को कोसा। इस दौरान देखा गया कि मंदिर प्रांगण में मात्र एक पुलिस कर्मी ड्यूटी दे रहा था। जिस पर भीड़ का दवाब सहन नहीं हो पा रहा था और उस रैला से बिल्कुल अलग हटकर ड्यूटी करते हुए देखा गया। इस दौरान प्रशासन की तरफ से भी पार्किंग, जलपान, रोडवेज बस, स्वास्थ्य शिविर की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। अधिकतर श्रद्धालु डग्गेमार वाहनों का सहारा लेकर दूने किराये से अपने गंतव्य तक पहुंचे।
जगह-जगह जाम के झाम में अकुलाये श्रद्धालु
भीषण गर्मी! प्रशासन और पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं। जो भी वाहन आ रहा था बीच बाजार और मंदिर प्रांगण तक पहुंच रहा था। इस कारण रजवाहा चैराहे से लेकर मंदिर तक जाम के झाम में श्रद्धालु फंसते हुए नजर आए। काफी लंबा जाम देखा गया। एक पुलिस कर्मी सुबह तक तक तो रजवाहा चैराहे पर वाहनों को दिशा निर्देशित करते हुए रवाना कर रहा था। इसके बाद वह भी अपनी ड्यूटी से नदारद देखा गया और जाम की काफी लंबी स्थिति देखी गयी।
भंडारों ने मोहा श्रद्धालुओं का मन
गुरू पूर्णिमा के अवसर पर बलदेव नगर में जगह-जगह भंडारों का आयोजन हुआ। कहीं खीर की प्रसादी, कहीं पूडी सब्जी, कहीं हलुवा का प्रसाद वितरित किया जा रहा था। प्रत्येक भंडारे पर श्रद्धाल प्रसाद लेने को लाइन में लगे हुए थे। भंडारा और जलपान आयोजकों की समुचित व्यवस्था ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। प्रसाद ग्रहण करने के बाद श्रद्धालु धन्यवाद देना नहीं भूले।
सरकारी व्यवस्थाओं की बैठक का इंतजार नाकाम
नगरवासी बलदेव में गुरू पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन के द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठक का इंतजार ही करते रहे। कोई प्रशासनिक अधिकारी और विधायक भी बैठक करने के लिए नहीं पहुंचे। अधिकारियों के न पहुंचने के कारण बलदेव थानाध्यक्ष ने भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई।