नई दिल्ली : भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए मानदंडों में बड़े बदलाव किए हैं। इरडा ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर मास्टर सर्कुलर जारी कर कहा कि अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट की रसीद मिलने के बाद तीन घंटे में बीमा कंपनियों को कैशलेस क्लेम क्लियर (Cashless claims settlement) करना होगा।
किसी भी दशा में पॉलिसीधारक को अस्पताल से छुट्टी मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तीन घंटे से ज्यादा देर होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज लेता है तो यह अतिरिक्त राशि बीका कंपनी को देनी होगी। इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु की हालत में बीमाकर्ता क्लेम सेटलमेंट रिक्वेस्ट पर तुरंत कार्रवाई करेगा। साथ ही पार्थिव शरीर को यथाशीघ्र अस्पताल से निकलवाएगा।
3 घंटे के अंदर निपटाना होगा कैशलेस क्लेम, नहीं तो जुर्माना IRDAI’s strict instructions: Cashless claims to be settled within 3 hours, otherwise penalty
इरडा ने कहा है कि बीमा कंपनियों को समयबद्ध तरीके से 100 फीसदी कैशलेस क्लेम निपटाने के प्रयास करने चाहिए। इरडा ने बीमाकर्ताओं से दावे जल्दी निपटाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए 31 जुलाई तक जरूरी इंतजाम करने को कहा है। बीमाकर्ता कैशलेस क्लेम और सहायता के लिए अस्पताल में हेल्प डेस्क की व्यवस्था कर सकते हैं। इसके अलावा प्री- ऑथराइजेशन प्रोसेस के लिए डिजिटल मोड का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है।
ये बदलाव भी
बीमा कंपनियों को प्रत्येक पॉलिसी दस्तावेज के साथ ग्राहक सूचना पत्र (सीआइएस) भी उपलब्ध कराना होगा।
पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा न होने की हालत में बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों को बीमा राशि बढ़ाकर या प्रीमियम राशि में छूट देकर नो क्लेम बोनस चुनने का विकल्प देगा।
यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसी रद्द करने का विकल्प चुनता है तो उसे शेष पॉलिसी अवधि के लिए प्रीमियम/आनुपातिक प्रीमियम की वापसी मिलेगी।