पटना : पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का भविष्य क्या होगा? उनके समर्थकों के मन में सवाल उठ रहे होंगे कि वे विधायक रहेंगे या नहीं? उन्हें अगले चुनाव में टिकट मिलेगा या नहीं? क्या लालू परिवार तेजप्रताप को संपत्ति से भी बेदखल कर देगा?

क्या तेजप्रताप RJD के सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे?

नहीं, वे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित हैं। जब तक निष्कासन खत्म या रद्द नहीं होगा, तब तक वह RJD के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ सकते। मतलब साफ है कि नवंबर में होने वाले चुनाव में RJD तेजप्रताप को विधानसभा का टिकट नहीं देगी।

हालांकि तेजप्रताप चाहे तो निर्दलीय या अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं। सीनियर जर्नलिस्ट प्रवीण बागी ने बताया- पार्टी से निकालने का सीधा मतलब है कि वह अब राजद से चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे उनकी राजनीतिक हैसियत शून्य हो जाएगी। निर्दलीय वह जीत नहीं सकते।

पार्टी से निकालने के बाद क्या खत्म होगी विधायकी?

फिलहाल नहीं। अभी लालू यादव ने सिर्फ पार्टी से निकालने का ऐलान किया है। विधानसभा की सदस्यता से हटाने के लिए पार्टी को विधानसभा अध्यक्ष के पास आवेदन देना होगा। उन्हें लिखकर बताना होगा कि उनकी सदस्यता खत्म की जाए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अपना फैसला लेंगे।

यानी फिलहाल तेजप्रताप की विधायकी बहाल ही रहेगी। वैसे भी बिहार विधानसभा का कार्यकाल नवंबर के आखिरी सप्ताह तक ही है। इसके बाद नई विधानसभा राज्य में होगी।

शनिवार देर रात से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसको लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। भास्कर फोटो-वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

शनिवार देर रात से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसको लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं। भास्कर फोटो-वीडियो की पुष्टि नहीं करता।

क्या तेजप्रताप माता-पिता की संपत्ति से हक भी गंवा देंगे

फिलहाल नहीं। हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट सर्वदेव सिंह ने बताया- अगर लालू यादव को तेजप्रताप को अपनी संपत्ति से बेदखल करना है तो उन्हें अपनी वसीयत बनानी होगी। अपनी अर्जित संपत्ति का वारिस किसी को बनाना होगा। ऐसे इस तरह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐलान करने से कुछ नहीं होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि बेटे को अपने पिता की संपत्ति पर तभी अधिकार मिल सकता है, जब वह कानूनन उस संपत्ति का वारिस हो। खासकर स्व-अर्जित संपत्ति के मामले में पिता की इच्छा सर्वोपरि होती है।

स्व-अर्जित संपत्ति उसे कहा जाता है जो पिता अपनी बदौलत कमाकर जुटाता है।

लालू ने तेजप्रताप को पार्टी-परिवार से क्यों निकाला

तेजप्रताप को निकालकर लालू ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। सीनियर जर्नलिस्ट प्रवीण बागी ने कहा, तेजप्रताप आए दिन कुछ ऐसी हरकत करते थे, जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचता था। RJD समर्थक निराश हो जाते थे। लालू यादव ने यह फैसला कर उसे डैमेज कंट्रोल किया है।

अभी यह तात्कालिक फैसला है। आगे कुछ भी हो सकता है। अगर तेजप्रताप माफी मांग लेते हैं और माता-पिता से जाकर गुहार लगाते हैं तो हो सकता है वापस आ जाएं। फिलहाल के लिए यह फैसला पार्टी के हित में है, लेकिन कुछ निष्कर्ष निकालने से पहले थोड़ा और वेट करना होगा।

क्या लालू के फैसले को उनके परिवार का समर्थन है

तेजप्रताप के खिलाफ लालू फैमिली एकजुट है। सभी ने लालू के फैसले का समर्थन किया है। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने इस बारे में अपनी भावना स्पष्ट कर दी है। कोई अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहा है, ये किसी से पूछकर नहीं करता। मुझे भी इस बारे में मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली है।’

लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने X पर लिखा, ‘जो परिवेश, परंपरा, परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं, जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण व परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की गलती- धृष्टता करते हैं, वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं।’

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