कोटा : कोटा में ICICI बैंक की महिला रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने धोखाधड़ी से ग्राहकों के खातों से 4 करोड़ 58 लाख रुपए निकाल लिए। मैनेजर इन पैसों को शेयर मार्केट में लगाती थी। रुपए निकालने से पहले ग्राहकों के मोबाइल नंबर भी बदल देती थी। ताकि ट्रांजैक्शन का पता नहीं चले। आरोपी महिला ने अपने परिवार के लाखों रुपए भी धोखे से शेयर मार्केट में लगाए।

मामला सामने आने पर ICICI बैंक डीसीएम ब्रांच के बैंक मैनेजर तरुण दाधीच ने उसके खिलाफ उद्योग नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसके बाद साक्षी गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने बताया कि- जांच में सामने आया कि साक्षी गुप्ता ने करीब ढाई साल में 41 ग्राहकों के 110 से ज्यादा खातों से रुपए निकाले थे। शेयर मार्केट में साक्षी को फायदा नहीं हुआ, बल्कि अधिकतर पैसे डूब गए।

डीसीएम ब्रांच में साक्षी गुप्ता ने 2020 से 2023 तक ग्राहकों के पैसे निकाले।

डीसीएम ब्रांच में साक्षी गुप्ता ने 2020 से 2023 तक ग्राहकों के पैसे निकाले।

बैंक के कई खातों से दूसरे खाते में ट्रांसफर किए रुपए SI इब्राहिम ने बताया- साक्षी गुप्ता ने साल 2020 से 2023 तक रुपए निकाले। उस दौरान बैंक के एक ग्राहक ने 1.50 लाख रुपए की एफडी के बारे में जानकारी मांगी थी। इसी तरह बैंक की एक वरिष्ठ महिला ग्राहक के खाते से 15 फरवरी 2023 को 3 करोड़ 22 लाख रुपए निकले। वह भी बैंक में शिकायत करने आई थी। इसके बाद बैंक ने अपने स्तर पर जांच करना शुरू किया था। तब साक्षी गुप्ता पर शक गया था। जांच में पता चला कि पता चला कि ग्राहक के निर्देश के बिना यह राशि अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी थी।

उसने खाते को ‘पूल खाते’ की तरह इस्तेमाल किया था। साक्षी ने ग्राहकों के डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी के गलत इस्तेमाल कर लेन-देन किए। उसने 40 खातों पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा अवैध रूप से शुरू की। इसके बाद मैनेजर ने साक्षी गुप्ता के खिलाफ 18 फरवरी 2025 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

इंटरनेट बैंकिंग से भी लेन-देन किया

31 कस्टमर की एफडी समय से पहले बंद करवाते हुए 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार 254 रुपए अनधिकृत खातों में ट्रांसफर किए। 3 लाख 40 हजार रुपए का पर्सनल लोन भी धोखे से लिया। उसने कुछ ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदलकर अपने परिजनों के दर्ज कर दिए, जिससे ओटीपी और अलर्ट असली खाताधारकों तक नहीं पहुंचे।

अधिकतर लेन-देन इंस्टा कियोस्क और डिजिटल बैंकिंग चैनलों से किए। उसने चार ग्राहकों के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग से भी लेन-देन किए। डीमेट खातों में भी अवैध पैसा भेजा।

पिता के 50 लाख रुपए शेयर मार्केट में लगाए

साक्षी गुप्ता ने अपने पिता के भी 40 से 50 लाख रुपए शेयर मार्केट में लगा दिए थे। परिवार के और भी कई लोगों के खातों से रुपए का लेन-देन कर शेयर मार्केट में लगा चुकी थी, लेकिन परिवार को भी भनक भी नहीं लगी। साक्षी कंप्यूटर सिस्टम से मोबाइल नंबर ओटीपी चेंज कर देती थी, जिससे घर-परिवार के लोगों के मोबाइल पर मैसेज भी नहीं जाता था। 110 खाताधारकों के रुपए बैंक की ओर से लौटा दिए गए हैं।

कस्टमर से मोबाइल नंबर बदलने के फॉर्म भरवाए

SI इब्राहिम ने बताया- 31 मई को साक्षी गुप्ता को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया था। पूछताछ में बताया कि उसने बैंक कस्टमर से मोबाइल नंबर चेंज करने के फॉर्म भरवाए और अपने घर परिवार के नंबर उसमें डाल दिए, ताकि रुपए निकालने का मैसेज खाताधारक के पास न जाए। खाताधारक के अकाउंट से रुपए निकालकर अपने और घर परिवार के सदस्यों के अकाउंट में ट्रांसफर भी किए।

घर परिवार के सदस्यों की भी कॉल डिटेल निकाली जा रही है। पूछताछ के बाद महिला आरोपी को जेल भेज दिया गया। इस पूरे फर्जीवाड़े में उसके साथ और कौन-कौन लोग शामिल थे। इसकी जांच की जा रही है। साक्षी गुप्ता ने बैंक में काम करने वाले शरद गुप्ता से ही 2023 में लव मैरिज की थी। अब इसका पति दूसरे बैंक में जॉब करता है।

बैंक मैनेजर तरुण दाधीच से बात करने के लिए संपर्क किया। उनका कहना था कि आपका नंबर कॉर्पोरेट ऑफिस को भेज दिया, वे आपसे संपर्क कर लेंगे।

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