नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी पूछ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा क्यों की? ऐसा पहली बार हो रहा है। पीएम मोदी इस पर कुछ नहीं बोलते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कहते हैं कि अमेरिका की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण थी कि उनकी वजह से ही यह युद्ध रुका।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर इसका जवाब भी नहीं देते हैं। हम लगातार पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं कि अमेरिका की भूमिका क्या है?”
उन्होंने कहा, “कश्मीर पर चर्चा सिर्फ भारतीय संसद में ही हो सकती है। इस पर मध्यस्थता करने का अधिकार किसी को नहीं। हम अपनी सेना के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। हम आतंकवाद के खिलाफ और पाकिस्तान के खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही है उसका पूरा समर्थन कर रहे हैं।
हमने यह भी मांग की है कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। दो सर्वदलीय बैठकें हुईं, लेकिन पीएम मोदी दोनों बैठक में मौजूद नहीं थे, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है।”
सीजफायर के जवाब में कांग्रेस का पोस्टर- इंदिरा होना आसान नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर का ऐलान किया गया था। इसके एक दिन बाद कांग्रेस ने दिल्ली में हेडक्वार्टर के बाहर ‘इंदिरा होना आसान नहीं’ वाला पोस्टर लगाया।
इस पोस्टर के साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के सरेंडर वाली तस्वीरें भी लगाईं। पोस्टर में इंडिया मिस इंदिरा (भारत इंदिरा को याद कर रहा है) की बात भी लिखी गई।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने भारत-पाक के बीच अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- अमेरिका दो दिन पहले कहता है कि इस मसले से उसका कोई लेना देना नहीं है, फिर अचानक वॉशिंगटन से सीजफायर की घोषणा होती है, जो कई सवाल खड़े करती है।